Annapurna Jayanti 2024: हिंदू धर्म में माता अन्नपूर्णा का विशेष स्थान है, क्योंकि उन्हें समस्त संसार के भरण-पोषण की देवी माना जाता है। इन्हें अन्न की देवी कहा जाता है, और यह त्योहार माता अन्नपूर्णा के जन्मोत्सव की स्मृति में मनाया जाता है।
अन्नपूर्णा जयंती शुभ समय
अन्नपूर्णा जयंती हर साल मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस वर्ष, यह पर्व 15 दिसंबर 2024, रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन व्रत, पूजा, और भंडारा करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है, साथ ही घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
अन्नपूर्णा जयंती का महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, एक समय धरती पर अकाल पड़ा था, जिसके कारण सभी जीवों को खाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ा। जब देवताओं ने यह देखा, तो उन्होंने भगवान शिव से सहायता मांगी। भगवान शिव और माता पार्वती ने पृथ्वी पर आकर इस संकट का समाधान किया। उस दिन भगवान शिव भिखारी के रूप में और माता पार्वती देवी अन्नपूर्णा के रूप में प्रकट हुईं। इस कारण अन्नपूर्णा जयंती का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है।
पूजन विधि
अन्नपूर्णा जयंती के दिन, प्रातः जल्दी उठकर पवित्र जल से स्नान करें और घर की रसोई को साफ करके देवी अन्नपूर्णा के लिए प्रसाद तैयार करें। पूजा स्थल पर देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति या चित्र रखें और उनके सामने एक दीपक जलाएं। पूजा के दौरान हल्दी, चावल, फल और मिठाई का थाल रखें और घर की रसोई से तैयार प्रसाद को अर्पित करें। माता अन्नपूर्णा के मंत्र “ॐ अन्नपूर्णायै नमः” का जाप करें। अंत में, गरीबों को भोजन कराना और अन्नदान करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।