CG VIDHANSABHA : विधानसभा में आज अवैध प्लाटिंग का मामला जोर-शोर से गूंजा। सत्ता पक्ष की ओर से ही उठाए गए सवालों से राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा जमकर घिरते हुए नजर आए। भाजपा विधायक अनुज शर्मा ने ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से यह मामला उठाया और बताया कि उनके विधानसभा क्षेत्र धरसीवां के कुछ गांवों में कॉलोनाइजरों द्वारा अवैध प्लाटिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह अवैध प्लाटिंग बिना ग्राम एवं नगर निवेश विभाग और रेरा की अनुमति के हो रही है। इसके अलावा, उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार इस समस्या को रोकने के लिए क्या योजना बना रही है।
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने स्वीकार किया कि प्रदेश के कई जिलों में कालोनाइजरों और भूमाफियाओं द्वारा अवैध प्लाटिंग की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस अवैध प्लाटिंग को रोकने के लिए जल्द ही सरकार निर्णय लेगी। इसके बाद, सदन में इस मुद्दे पर लंबी बहस हुई, जिसमें विभिन्न विपक्षी और सत्तापक्ष के नेताओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
इस बहस के दौरान, स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने मंत्री से कहा कि इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए नगरीय प्रशासन, आवास एवं पर्यावरण और राजस्व विभाग की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाए, जो अवैध प्लाटिंग के मामलों की जांच कर सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि समिति एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत करे, ताकि इस मुद्दे पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जा सके।
वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और कहा कि अवैध प्लाटिंग को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बिना अनुमति के की जा रही प्लाटिंग से न केवल अव्यवस्थित विकास हो रहा है, बल्कि यह पर्यावरण और नागरिकों के लिए भी खतरे की स्थिति पैदा कर रहा है। उन्होंने सरकार से इस मामले में कड़े कदम उठाने की अपील की और कहा कि इस पर जितनी जल्दी कार्रवाई की जाएगी, उतना ही बेहतर होगा।
विधानसभा में इस मामले को लेकर उठे सवालों ने यह साफ कर दिया कि अवैध प्लाटिंग प्रदेश के कई हिस्सों में एक गंभीर समस्या बन चुकी है। यह न केवल अव्यवस्थित शहरीकरण को बढ़ावा दे रही है, बल्कि लोगों की सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं के लिए भी एक खतरा बन सकती है। भाजपा विधायक अनुज शर्मा के द्वारा उठाए गए सवालों और स्पीकर के निर्देशों के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि इस मामले में जल्दी ही कार्रवाई की जाएगी और अवैध प्लाटिंग पर काबू पाया जाएगा।
इस मुद्दे पर सभी दलों ने अपनी चिंता जाहिर की है और यह माना है कि अगर समय रहते इसे नहीं रोका गया, तो इसके दुष्परिणाम पूरे प्रदेश के विकास पर प्रतिकूल असर डाल सकते हैं। अब यह देखना होगा कि सरकार और संबंधित विभाग इस मामले को गंभीरता से लेकर क्या कदम उठाते हैं। यदि इस पर जल्द ही ठोस निर्णय लिया जाता है, तो यह प्रदेश के नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है।