Ravichandran Ashwin retired : भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन ने ब्रिसबेन टेस्ट के बाद क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। 38 वर्षीय अश्विन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि ब्रिसबेन टेस्ट का आखिरी दिन उनके करियर का भी आखिरी दिन था। अश्विन ने अपने शानदार करियर में 287 इंटरनेशनल मैच खेले और 765 विकेट लिए।
अश्विन का यह फैसला क्रिकेट फैंस और विशेषज्ञों के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। उन्होंने न केवल गेंदबाजी में बल्कि बल्लेबाजी में भी अपने बेहतरीन प्रदर्शन से भारतीय क्रिकेट को कई अहम मैच जिताए।
रविचंद्रन अश्विन का नाम टेस्ट क्रिकेट के सबसे बेहतरीन गेंदबाजों में गिना जाता है। उन्होंने 106 टेस्ट मैच खेले और कुल 537 विकेट लिए। यह आंकड़ा उन्हें भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में दूसरा स्थान दिलाता है। उनसे आगे सिर्फ अनिल कुंबले हैं, जिनके नाम 619 विकेट हैं।
अश्विन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन एक टेस्ट पारी में 59 रन देकर 7 विकेट लेना रहा। उन्होंने कई बार भारत को मुश्किल हालात से बाहर निकाला और टेस्ट मैचों में अपनी शानदार गेंदबाजी से विपक्षी टीमों के लिए चुनौती खड़ी की।
टेस्ट के अलावा अश्विन ने वनडे और टी20 इंटरनेशनल में भी भारतीय टीम के लिए अहम भूमिका निभाई। उन्होंने 116 वनडे मैच खेले और 156 विकेट अपने नाम किए। वनडे में उनकी गेंदबाजी हमेशा किफायती रही और उन्होंने अहम मौकों पर टीम को सफलता दिलाई।
वहीं, टी20 इंटरनेशनल में अश्विन ने 65 मैच खेले और 72 विकेट लिए। उनकी गिनती उन गेंदबाजों में होती है जो हर फॉर्मेट में खुद को साबित करने में सक्षम रहे।
रविचंद्रन अश्विन केवल एक बेहतरीन गेंदबाज ही नहीं, बल्कि एक शानदार ऑलराउंडर भी रहे। उन्होंने अपने करियर में 3000 रन बनाने के साथ-साथ 300 विकेट भी लिए। इस उपलब्धि को हासिल करने वाले वह गिने-चुने 11 ऑलराउंडर्स में शामिल हैं। उनकी बल्लेबाजी ने कई बार टीम इंडिया को मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकाला।
अश्विन को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए 11 बार प्लेयर ऑफ द सीरीज का खिताब मिला है, जो उन्हें श्रीलंका के दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन के साथ बराबरी पर लाता है। यह उपलब्धि अश्विन की निरंतरता और उनकी मैच विजेता क्षमता को दर्शाती है।
ब्रिसबेन टेस्ट में टीम इंडिया की शानदार जीत के बाद अश्विन ने क्रिकेट से विदाई ली। उन्होंने इस मैच में भले ही कोई खास प्रदर्शन न किया हो, लेकिन उनका योगदान भारतीय क्रिकेट के लिए अमूल्य है।
अश्विन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,
“यह मेरे करियर का आखिरी दिन है। मैंने हमेशा भारतीय क्रिकेट के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है। मुझे गर्व है कि मैं इतने सालों तक देश के लिए खेल पाया।”
उनकी इस घोषणा के बाद क्रिकेट जगत में उनके योगदान की सराहना हो रही है। साथी खिलाड़ियों, फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञों ने उनके संन्यास पर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
अश्विन के संन्यास की घोषणा के बाद क्रिकेट के कई दिग्गजों ने उनकी तारीफ की। भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने कहा,
“अश्विन जैसा खिलाड़ी मिलना भारतीय क्रिकेट के लिए सौभाग्य की बात है। वह न केवल एक शानदार गेंदबाज थे, बल्कि मुश्किल हालात में टीम को संभालने वाले खिलाड़ी भी थे।”
पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने अश्विन को “मैच विजेता” करार देते हुए कहा कि उनकी जगह भर पाना आसान नहीं होगा।
रविचंद्रन अश्विन का संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक युग के अंत जैसा है। उनके जैसा ऑलराउंडर, जो तीनों फॉर्मेट में समान रूप से प्रभावशाली हो, बहुत कम देखने को मिलता है। उनकी गेंदबाजी की विविधता, बल्लेबाजी में उपयोगी योगदान, और खेल के प्रति उनका जुनून उन्हें भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अमर बना देता है।
अश्विन ने अपने करियर में कई यादगार पल दिए हैं, जिनमें इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी टेस्ट सीरीज में शानदार प्रदर्शन और चेन्नई में वेस्टइंडीज के खिलाफ उनकी डबल सेंचुरी शामिल है।
अब देखना होगा कि उनके संन्यास के बाद भारतीय टीम उनकी जगह कैसे भरती है और अश्विन भविष्य में भारतीय क्रिकेट से किस तरह जुड़े रहते हैं।