Chhattisgarh: जिला प्रशासन ने अवैध खनिज उत्खनन, परिवहन और भंडारण के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर के आदेश पर खनिज विभाग और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने इस दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। प्रशासन की इस पहल का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों के अवैध शोषण को रोकना और कानून के तहत कार्रवाई सुनिश्चित करना है।
खनिज विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने सिरगिट्टी, चकरभाठा, बोदरी, पचपेड़ी, जोंधरा, मस्तूरी और आसपास के अन्य क्षेत्रों में छापेमारी की। इस अभियान का उद्देश्य खनिज परिवहन कर रहे वाहनों की जांच करना और अवैध गतिविधियों को रोकना था। जांच के दौरान 14 हाईवा वाहनों को जब्त किया गया, जो विभिन्न प्रकार के खनिजों का अवैध परिवहन कर रहे थे।
जब्त किए गए वाहनों की जानकारी निम्नलिखित है:
- अवैध रेत परिवहन: 8 वाहन
- डोलोमाइट: 1 वाहन
- गिट्टी: 4 वाहन
- मुरूम और मिट्टी: 1 वाहन
इन वाहनों को कानून और सुरक्षा के तहत थाना चकरभाठा, थाना पचपेड़ी और खनिज जांच चौकी लावर में रखा गया है।
खनिज विभाग और राजस्व विभाग के साथ-साथ वन विभाग भी इस अभियान में शामिल है। वन विभाग अपने क्षेत्र में अवैध खनिज उत्खनन और परिवहन के मामलों में निगरानी रख रहा है। इसके अंतर्गत जंगल क्षेत्रों में हो रहे अवैध खनन को रोकने और अपराधियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
अवैध खनिज उत्खनन न केवल सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि पर्यावरण पर भी गंभीर प्रभाव डालता है।
- पर्यावरणीय क्षति: खनिज उत्खनन के कारण मिट्टी कटाव, भू-जल स्तर में गिरावट और वन्यजीवों के आवास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- राजस्व हानि: अवैध उत्खनन और परिवहन से सरकार को बड़ी मात्रा में राजस्व की हानि होती है।
- सामाजिक समस्याएं: इस प्रकार की अवैध गतिविधियों से स्थानीय लोगों पर भी असर पड़ता है, क्योंकि यह क्षेत्र के संसाधनों के अनुचित उपयोग को बढ़ावा देता है।
प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अवैध खनिज उत्खनन, परिवहन और भंडारण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कार्रवाई न केवल दोषियों को सजा देने के लिए की जा रही है, बल्कि भविष्य में ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए एक कड़ा संदेश भी है।
प्रशासन ने स्थानीय लोगों से भी अपील की है कि वे अवैध खनिज उत्खनन और परिवहन की गतिविधियों के बारे में जानकारी दें। इससे प्रशासन को और अधिक प्रभावी ढंग से कार्रवाई करने में मदद मिलेगी। इसके लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है, जहां लोग गुप्त रूप से सूचना दे सकते हैं।
आने वाले दिनों में खनिज विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस विभाग संयुक्त रूप से और भी अधिक क्षेत्रों में जांच अभियान चलाने की योजना बना रहे हैं। इसके तहत अवैध खनिज उत्खनन से जुड़े सभी अपराधियों को कानून के दायरे में लाने का प्रयास किया जाएगा।
अवैध खनिज उत्खनन और परिवहन के खिलाफ जिला प्रशासन की यह कार्रवाई एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल खनिज संसाधनों की सुरक्षा होगी, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन भी बनाए रखा जाएगा। इसके साथ ही प्रशासनिक सख्ती से अपराधियों को यह संदेश मिलेगा कि कानून का उल्लंघन करने पर उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। प्रशासन का यह प्रयास क्षेत्र में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक मिसाल बन सकता है।