Chhattisgarh: मुख्यमंत्री साय के छत्तीसगढ़ आगमन पर राज्य के मुख्यमंत्री, श्रीरतन सिंह साय ने उन्हें शॉल और बेल मेटल की नंदी की सुंदर मूर्ति भेंट कर उनका स्वागत किया। यह भेंट छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक कला को सम्मानित करने का एक आदान-प्रदान था। नंदी, जो कि एक धार्मिक प्रतीक है, का छत्तीसगढ़ की बेल मेटल कला में निर्मित होना प्रदेश की कलात्मक पहचान को दर्शाता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का स्वागत करते हुए उन्हें छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराते हुए इस राज्य की कला और संस्कृति के महत्व पर बल दिया।
इस अवसर पर पद्मश्री सम्मान प्राप्त गायिका अनुराधा पौडवाल भी उपस्थित थीं। मुख्यमंत्री साय और अनुराधा पौडवाल के बीच छत्तीसगढ़ की लोककला, गीत-संगीत और संस्कृति पर एक विस्तृत चर्चा हुई। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि छत्तीसगढ़ की लोकसंगीत, नृत्य और कला के रूप न केवल राज्य बल्कि सम्पूर्ण देश में अपनी एक अलग पहचान रखते हैं। अनुराधा पौडवाल ने भी छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर की सराहना की और बताया कि राज्य का लोक संगीत और कला बेहद समृद्ध है, जो भारतीय संस्कृति की अनमोल धरोहर को प्रस्तुत करता है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने लोककला को संरक्षित करने और उसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने के लिए विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं की जानकारी दी। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लोककला के केंद्रों की स्थापना, सांस्कृतिक कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, ताकि युवा पीढ़ी इस अमूल्य धरोहर को समझ सके और उसे आगे बढ़ा सके।
वहीं, अनुराधा पौडवाल ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ के लोग संगीत और कला के प्रति बेहद समर्पित हैं और इनकी कला में विशेष प्रकार का आकर्षण है। उनका कहना था कि संगीत और कला एक सशक्त माध्यम है जो समाज में बदलाव और जागरूकता लाने में मदद कर सकता है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के कलाकारों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि इस राज्य के लोक संगीत की धारा पूरे देश और दुनिया में लोकप्रिय होनी चाहिए।
इस कार्यक्रम में विधायक और पद्म पुरस्कार प्राप्त अनुज शर्मा भी उपस्थित थे, जिन्होंने राज्य के विकास और सांस्कृतिक समृद्धि के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं से छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति को एक नया मुकाम मिलेगा, और यह राज्य न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता बल्कि अपनी सांस्कृतिक धरोहर के लिए भी प्रसिद्ध होगा।
इस मौके पर राज्य के विभिन्न सांस्कृतिक समूहों द्वारा छत्तीसगढ़ी लोक कला और संगीत की प्रस्तुतियाँ भी दी गईं, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर गईं। इस कार्यक्रम ने छत्तीसगढ़ के लोक कला और संस्कृति को एक नया मंच प्रदान किया और राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने के प्रति लोगों को जागरूक किया।