CG VIDHANSABHA : वेलकम डिस्टलरी छेरका बांधा कोटा विवाद, कांग्रेस विधायक के सवालों का मंत्री चौधरी ने दिया जवाब

CG VIDHANSABHA :  छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन, कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव ने वेलकम डिस्टलरी छेड़काबांधा कोटा से संबंधित एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। यह मुद्दा पर्यावरण से संबंधित था, और उन्होंने वित्त मंत्री ओपी चौधरी से प्रश्नकाल के दौरान पूछा कि वेलकम डिस्टलरी छेड़काबांधा कोटा को पर्यावरणीय अनुमति कब और किस शर्तों के तहत दी गई थी। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी सवाल किया कि इस डिस्टलरी के खिलाफ पिछले दो वर्षों में कौन-कौन सी शिकायतें आई हैं, और पर्यावरण विभाग ने इन शिकायतों के खिलाफ कब और क्या कार्रवाई की है।

इस सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली ने मेसर्स वेलकम डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड को 10 मार्च 2004 को पर्यावरण स्वीकृति जारी की थी। यह स्वीकृति छेड़काबांधा ग्राम, तहसील कोटा, जिला बिलासपुर में स्थित वेलकम डिस्टलरी के लिए दी गई थी। इसके तहत डिस्टलरी की क्षमता विस्तार किया गया था, जिसमें पहले 10 किलोमीटर प्रतिदिन उत्पादन क्षमता थी, जिसे बढ़ाकर 60 किलोमीटर प्रतिदिन किया गया था।

वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उस समय पर्यावरणीय स्वीकृति में कुछ शर्तें निर्धारित की गई थीं, जैसे कि चिमनी से होने वाले उत्सर्जन को निर्धारित मानकों के अनुरूप रखना, औपचारिक दूषित पानी की गुणवत्ता को नियंत्रित करना, बायो मिथ नेशन, डाइजेस्टर, एक्टिवेटेड स्लज प्रोसेस का प्रयोग करके जल और मृदा की गुणवत्ता का परीक्षण और सुधार करना। हालांकि, इस स्वीकृति में कुछ विशिष्ट शर्तें नहीं थी जो आज के समय में लागू हैं।

इसके बाद, उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने उद्योग को 4 जनवरी 2012 को एक नई सम्मति पत्र जारी की थी। इस पत्र में डिस्टलरी की उत्पादन क्षमता को 30 किलोमीटर प्रतिदिन रेक्टिफाइड स्पिरिट के लिए स्वीकृति दी गई थी। इस सम्मति पत्र में कई महत्वपूर्ण शर्तें थीं, जिनमें जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम 1974 की धारा 25 और वायु प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम 1981 की धारा 21 के तहत संचालन, औपचारिक दूषित की गुणवत्ता को निर्धारित मानक सीमा के अनुरूप बनाए रखना, बायो कंप्यूटिंग के माध्यम से उपचारित किया जाना, शून्य निसारण की स्थिति बनाए रखना, चिमनी से उत्सर्जन को निर्धारित मानक सीमा के अनुरूप रखना, परिवेशी वायु गुणवत्ता को निर्धारित मानक सीमा के अनुरूप रखना और जल एवं मृदा गुणवत्ता का परिमापन करना शामिल था। इसके अलावा, ठोस अपशिष्ट और स्लज का वैज्ञानिक विधि से समुचित अपवहन और वृक्षारोपण करने जैसी शर्तें भी निर्धारित की गई थीं।

अटल श्रीवास्तव द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि इस उद्योग के खिलाफ पिछले दो वर्षों में पर्यावरण विभाग को कोई खास शिकायतें प्राप्त नहीं हुई थीं। हालांकि, यदि किसी ने शिकायत की थी तो पर्यावरण विभाग ने उन शिकायतों का निस्तारण किया था। पर्यावरण विभाग ने समय-समय पर इस उद्योग की जांच भी की थी, और जांच के दौरान कोई गंभीर उल्लंघन नहीं पाया गया था।

इस प्रकार, इस मुद्दे पर सरकार की ओर से स्पष्टता दी गई कि वेलकम डिस्टलरी छेड़काबांधा कोटा को पर्यावरणीय स्वीकृति और अन्य आवश्यक अनुमति शर्तों के तहत दी गई है और उद्योग द्वारा निर्धारित नियमों का पालन किया जा रहा है।

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