CG NEWS : केरा रोड पर सैकड़ों महिलाओं की रैली, अवैध बैंक के खिलाफ कार्रवाई की मांग

CG NEWS : जिले में हाल ही में सैकड़ों महिलाओं ने केरा रोड से एक रैली निकाली और एसडीएम कार्यालय में तहसीलदार को एक विज्ञापन सौंपा, जिसमें एक गंभीर धोखाधड़ी का खुलासा किया गया। विज्ञापन में बताया गया कि फ्लोरा मैक्स कंपनी और माइक्रो फाइनेंस बैंक ने मिलकर जिले के आदिवासी वर्ग, पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति/जनजाति की महिलाओं को रोजगार के अवसर का लालच देकर माइक्रो फाइनेंस बैंक से लोन दिलवाया था। इसके बाद इन महिलाओं को स्वयं का व्यवसाय स्थापित करने का प्रलोभन दिया गया और यह वादा किया गया कि इससे वे आत्मनिर्भर बन सकेंगी।

हालांकि, यह पूरी प्रक्रिया केवल एक छलावा साबित हुई। फ्लोरा मैक्स कंपनी और माइक्रो फाइनेंस बैंक ने मिलकर इन महिलाओं से करोड़ों रुपयों की ठगी की। इस धोखाधड़ी के परिणामस्वरूप कई महिलाएं और उनके परिवार आत्महत्या जैसे आत्मघाती कदम उठाने पर मजबूर हो गए। इस प्रकरण में कई महिलाओं और पुरुषों ने आत्महत्या कर ली है, जिससे पूरे जिले में गहरी उदासी और आक्रोश फैल गया है।

इसके अलावा, यह भी आरोप लगाया गया है कि जिले में अवैध रूप से संचालित हो रहे माइक्रो फाइनेंस बैंकों ने महिलाओं को झांसा देकर एक ही महिला को पांच से दस बार लोन दिया। इन लोन की राशि फिर फ्लोरा मैक्स कंपनी को नगद रूप में दिलवायी गई। इस प्रकार, फ्लोरा मैक्स कंपनी और माइक्रो फाइनेंस बैंक ने मिलकर जिले की भोली-भाली महिलाओं को ठगी का शिकार बना लिया और उन्हें भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा।

समाज के इस कमजोर वर्ग की मदद करने के लिए महिलाओं ने तुरंत कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने तहसीलदार से यह अनुरोध किया है कि जिले में संचालित सभी अवैध माइक्रो फाइनेंस बैंकों का रजिस्ट्रेशन तत्काल निरस्त किया जाए और इन बैंकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही, फ्लोरा मैक्स कंपनी और माइक्रो फाइनेंस बैंकों से पूरी राशि वसूलने की भी मांग की गई है। इन महिलाओं और एजेंटों को उनकी राशि वापस दिलवाने और उन्हें न्याय प्रदान करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में कोई महिला या एजेंट इस तरह के धोखाधड़ी का शिकार न हो और उन्हें आत्महत्या जैसी नासमझ और दुखद स्थिति का सामना न करना पड़े।

इस मामले में महिलाओं के लिए एक मजबूत और प्रभावी कानूनी हस्तक्षेप की आवश्यकता है, ताकि उन्हें न्याय मिल सके। यह केवल एक वित्तीय धोखाधड़ी नहीं, बल्कि एक गंभीर सामाजिक और मानसिक संकट का प्रतीक है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जिला प्रशासन को तत्काल इस पर सख्त कदम उठाना चाहिए, ताकि महिलाओं को अपने अधिकार मिले और उनका जीवन बेहतर हो सके।

इसके अलावा, फ्लोरा मैक्स कंपनी और माइक्रो फाइनेंस बैंकों को कानून के तहत सख्त दंडित किया जाए और ऐसे सभी धोखाधड़ी के मामलों को सुलझाने के लिए एक विशेष आयोग गठित किया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। महिलाओं के लिए यह लड़ाई केवल वित्तीय नहीं, बल्कि उनके आत्मसम्मान और अधिकारों की भी लड़ाई है।

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