CG NEWS: राजनांदगांव शहर में चल रही पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में गंभीर गड़बड़ी का मामला सामने आया है, जिसे लेकर अब पुलिस विभाग ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। इस भर्ती प्रक्रिया में आरोप है कि कुछ लोग डाटा के माध्यम से अभ्यर्थियों के अंक बढ़ाने की साजिश कर रहे थे।
इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चार पुलिस आरक्षकों और दो टेक्नोलॉजी स्टॉफ के कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों को जेल भेज दिया गया है और मामले की जांच जारी है, जिससे और भी गिरफ्तारियां होने की संभावना जताई जा रही है।
पुलिस आरक्षक भर्ती में हुई गड़बड़ी का पर्दाफाश करते हुए पुलिस विभाग ने बताया कि इस मामले की जांच में सीसीटीवी फुटेज, कॉल डेटा और अन्य साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि गड़बड़ी के दौरान अभ्यर्थियों को मशीन के माध्यम से अंक में बदलाव कर लाभ दिलाने की साजिश की गई थी। इस साजिश को अंजाम देने के लिए आरोपी टेक्नोलॉजी कंपनी के कर्मचारियों ने भी मदद की थी। पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य एकत्र किए हैं, जिनमें सीसीटीवी फुटेज, मोबाईल चैटिंग मैसेज और गवाहों के बयान शामिल हैं।
जांच के दौरान जो लोग गिरफ्तार किए गए हैं, उनमें टेक्नोलॉजी कंपनी के कर्मचारी पवन साहू और नुतेश्वरी ध्रुवे शामिल हैं, जबकि पुलिस आरक्षकों में धर्मराज मरकाम, योगेश ध्रुवे, महिला आरक्षक पुष्पा चंद्रवंशी और महिला आरक्षक परिधि का नाम सामने आया है। इन सभी आरोपियों को पुलिस ने विधिवत गिरफ्तार कर लिया और न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।
यह घटना पुलिस भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाती है, और यह भी दर्शाती है कि भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी करने वालों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे कृत्य पर रोक लगाई जा सके। पुलिस विभाग ने इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई करते हुए यह सुनिश्चित किया है कि भर्ती प्रक्रिया में कोई भी भ्रष्टाचार या अनियमितता न हो।
गौरतलब है कि इस मामले में जांच अभी भी जारी है, और पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह केवल शुरुआत है, और इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। पुलिस विभाग ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से अपील की है कि वे भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शिता के साथ संचालित करें और किसी भी तरह के गड़बड़ी में शामिल न हों।
इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि किसी भी भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और ईमानदारी का होना कितना महत्वपूर्ण है। भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में किसी को भी इस तरह की गड़बड़ी करने की हिम्मत न हो। पुलिस विभाग की कार्रवाई से यह संदेश भी जाता है कि सरकारी विभागों में इस तरह की गड़बड़ी करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।