Janjgir-Champa: पर्यावरण और सड़क हादसों पर कविता, कहानी और सुविचार से विचार व्यक्त किए गए

Janjgir-Champa: जांजगीर-चाम्पा जिले के अकलतरा विकास-खंड के शासकीय प्राथमिक शाला कटघरी में एक महत्वपूर्ण आयोजन किया गया। इस आयोजन का नाम “बोलेगा बचपन” रखा गया था, जो बच्चों के बीच साहित्यिक, सामाजिक और पर्यावरणीय जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। जिला प्रशासन की ओर से यह कार्यक्रम बच्चों के मानसिक विकास और उनकी रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया था। इस आयोजन में बच्चों ने कविता, कहानी, पर्यावरण, सड़क हादसों और सुविचारों के विषयों पर प्रस्तुतीकरण दिया, जिससे बच्चों के अंदर सकारात्मक सोच और सामाजिक जिम्मेदारी का एहसास हुआ।

कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में आत्मविश्वास और काव्य, कहानी, और विचारों के माध्यम से समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने का था। बच्चों ने विभिन्न भाषाओं में कविता प्रस्तुत की, जिनमें प्रकृति, पर्यावरण, और सामाजिक बदलाव जैसे विषयों पर जोर दिया गया। इन कविताओं के माध्यम से बच्चों ने यह संदेश दिया कि वे अपनी सोच और अभिव्यक्ति के माध्यम से समाज में बदलाव लाने के लिए तैयार हैं। बच्चों की यह प्रस्तुति न केवल उनकी रचनात्मकता को उजागर करती है, बल्कि यह समाज में बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित हो सकती है।

इसके अलावा, बच्चों ने पर्यावरण पर भी चर्चा की और प्रदूषण, वृक्षारोपण, जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी बात रखी। बच्चों के विचारों को सुनकर यह स्पष्ट हुआ कि वे पर्यावरण को बचाने के लिए जागरूक हैं और भविष्य में अपने प्रयासों से पर्यावरण को बचाने के लिए काम करेंगे। बच्चों ने यह भी बताया कि छोटे-छोटे कदम, जैसे प्लास्टिक का कम उपयोग, जल बचाना, और वृक्षारोपण, समाज में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

सड़क हादसों पर भी बच्चों ने चर्चा की। उन्होंने सड़क सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया और यह बताया कि बच्चों को हमेशा ट्रैफिक नियमों का पालन करना चाहिए। सड़क पर चलने से पहले अपने माता-पिता या अभिभावकों से मार्गदर्शन लेना, हेलमेट पहनना, और सीट बेल्ट लगाना जैसी बातें बच्चों ने अपने प्रस्तुतीकरण में शामिल की। बच्चों ने यह भी कहा कि अगर हम सभी सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करें तो सड़क हादसों की संख्या में कमी लाई जा सकती है और कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।

कार्यक्रम के अंत में बच्चों ने सुविचारों पर भी विचार प्रस्तुत किए। इन सुविचारों के माध्यम से बच्चों ने यह संदेश दिया कि जीवन में कठिनाइयाँ आती हैं, लेकिन अगर हम सच्चाई, ईमानदारी और परिश्रम के साथ काम करें तो किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। बच्चों ने यह भी कहा कि जीवन में सकारात्मक सोच और अच्छे कर्मों से सफलता हासिल की जा सकती है।

इस प्रकार, “बोलेगा बचपन” कार्यक्रम ने बच्चों को अपने विचार व्यक्त करने का एक मंच प्रदान किया और उन्हें समाज में अच्छे बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया। यह आयोजन बच्चों के मानसिक विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ उनके सामाजिक और पर्यावरणीय जागरूकता को भी मजबूत करता है। इस तरह के कार्यक्रम भविष्य में बच्चों की सोच को और भी परिपक्व बनाने में मदद करेंगे, जिससे वे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे और एक बेहतर समाज की ओर कदम बढ़ा सकेंगे।

Leave a Comment