Raigarh News : हाथियों के मूवमेंट पर वन विभाग का अलर्ट, लैलूंगा में मुनादी और वॉट्सएप ग्रुप से दी जा रही अपडेट

Raigarh News : रायगढ़ जिले के वन परिक्षेत्र लैलूंगा में इन दिनों हाथियों की सक्रियता में इजाफा हुआ है, जिससे वहां के स्थानीय निवासियों के बीच भय का माहौल बन गया है। वन विभाग ने इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए त्वरित और प्रभावी कार्रवाई शुरू कर दी है। हाथियों की बढ़ती गतिविधियों के कारण मानव-हाथी द्वंद्व की घटनाएं भी बढ़ गई हैं, जिससे सुरक्षा की गंभीर आवश्यकता उत्पन्न हो गई है। इस समस्या को सुलझाने के लिए वन विभाग ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

वन विभाग ने उन क्षेत्रों में विशेष ध्यान केंद्रित किया है, जहां हाथियों की सक्रियता ज्यादा है। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है। विशेष रूप से उन व्यक्तियों को चिन्हित किया गया है, जिनके घर दूरस्थ और कच्चे मकान में स्थित हैं। कच्चे घरों में रहने वाले लोग हाथियों के हमले से ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए उन्हें अधिक सुरक्षा की आवश्यकता है। वन विभाग ने इन व्यक्तियों को हाथी सुरक्षा कैंपों में स्थानांतरित किया है, ताकि वे पूरी तरह से सुरक्षित रह सकें।

इस प्रक्रिया के तहत, प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य और पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है, साथ ही उन्हें गर्म कपड़े, अलाव, और रात्रि विश्राम की सुविधाएं भी प्रदान की गई हैं। इसके अतिरिक्त, ग्राम पंचायत स्तर पर हाथी मितान दल का गठन किया गया है, जिसका उद्देश्य ग्रामीणों को हाथियों के बारे में जागरूक करना और उन्हें सुरक्षा उपायों के प्रति सतर्क करना है। यह दल स्थानीय लोगों को हाथी की मौजूदगी की सूचना देता है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह देता है।

स्थानीय वॉट्सअप ग्रुप्स और मुनादी के माध्यम से हाथियों की गतिविधियों के बारे में जानकारी साझा की जा रही है, ताकि लोग अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें। हाथी मितान दल द्वारा खासकर उन लोगों को सतर्क किया जाता है, जो जंगल के किनारे बसे हुए हैं और जिनके लिए खतरा ज्यादा हो सकता है। इन लोगों को समझाया जाता है कि वे जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर जाएं, जैसे पक्का मकान, सरकारी भवन या अन्य सुरक्षित स्थल।

इन प्रभावित क्षेत्रों में वन विभाग द्वारा सुरक्षा के दृष्टिकोण से विशेष इंतजाम किए गए हैं। यहां भोजन की व्यवस्था की जाती है और लोगों को हाथी से बचने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, प्रभावित क्षेत्रों में निरंतर संवाद किया जाता है, ताकि लोग किसी अप्रत्याशित घटना से बच सकें। वन विभाग की टीम नियमित रूप से गश्त करती है और हाथियों की गतिविधियों की निगरानी ड्रोन के माध्यम से करती है।

इसके साथ ही, उप वनमंडलाधिकारी श्री एम.एल. सिदार और वन परिक्षेत्र अधिकारी श्री सूर्यकांत नेताम के नेतृत्व में लैलूंगा वन परिक्षेत्र में विशेष क्लस्टर अप्रोच का पालन किया जा रहा है। इस पहल के तहत, कमजोर और संवेदनशील मकानों की पहचान की जा रही है ताकि जरूरत पड़ने पर त्वरित राहत कार्य किया जा सके। आपातकालीन सुरक्षा और रेस्क्यू कैंपों की पहचान भी की जा रही है, ताकि किसी भी स्थिति में त्वरित और प्रभावी कदम उठाए जा सकें।

इस प्रकार, वन विभाग ने हाथियों के हमले और मनुष्य-हाथी द्वंद्व को कम करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन उपायों से न केवल हाथियों से संबंधित घटनाओं में कमी आएगी, बल्कि ग्रामीणों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। यह कदम वन विभाग की ओर से ग्रामीणों की भलाई और सुरक्षा के लिए उठाया गया महत्वपूर्ण प्रयास है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि ग्रामीण बिना किसी डर के अपने जीवन का निर्वाह कर सकें और हाथियों के साथ किसी प्रकार के टकराव से बच सकें।

Leave a Comment