CG NEWS : राजनांदगांव में पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के मामले में पुलिस ने लगातार जांच कार्रवाई की है और अब तक कई गिरफ्तारियां की हैं। यह मामला एक गंभीर भ्रष्टाचार का प्रतीक बन चुका है, जिसमें पुलिसकर्मी और भर्ती कंपनी के कर्मचारियों के नाम सामने आए हैं। पुलिस द्वारा की जा रही जांच ने इस पूरे मामले में कई महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए हैं, जिनमें सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल चैटिंग संदेश और गवाहों के बयान शामिल हैं। इस प्रक्रिया के दौरान पुलिस ने उन सभी आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य इकट्ठा किए हैं, जो भर्ती में गड़बड़ी करने में शामिल थे।
बीते दिनों, पुलिस ने चार पुलिसकर्मियों और दो भर्ती कंपनी के कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था। इन गिरफ्तारियों ने मामले की गंभीरता को और बढ़ा दिया। अब तक गिरफ्तार किए गए आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में कार्रवाई की जा चुकी है, और उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा जा चुका है। इन गिरफ्तारियों से यह साफ हो गया है कि भर्ती प्रक्रिया में घोटाले की कोई छोटी सी गुंजाइश नहीं छोड़ी गई थी, बल्कि इसमें कई लोगों का हाथ था, जो इस अवैध प्रक्रिया का हिस्सा बने थे।
इस मामले में सबसे हालिया गिरफ्तारी एक महिला अभ्यर्थी की हुई है, जिसका नाम मीना पात्रे है। मीना पात्रे, जो कि कवर्धा जिले के पंडरिया क्षेत्र की रहने वाली हैं, आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल थीं। पुलिस ने इस महिला अभ्यर्थी को गिरफ्तार कर लिया है और उसे भी न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। एएसपी राहुल देव शर्मा ने बताया कि 14 दिसंबर को पुलिस द्वारा की गई जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि मीना पात्रे ने अपने परिचित पुलिस स्टॉफ को अनुचित तरीके से इवेंट में आर्थिक रूप से लुभाने की कोशिश की थी। उनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य जुटाए गए थे, जिससे उन्हें गिरफ्तार करना जरूरी हो गया।
पुलिस का कहना है कि इस मामले में अब तक जो भी साक्ष्य मिले हैं, वे यह साबित करते हैं कि भर्ती प्रक्रिया में कई तरह की गड़बड़ियां की गई थीं। जिन पुलिसकर्मियों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है, उन्होंने भर्ती में आर्थिक लाभ के लिए गलत तरीके अपनाए थे, जिससे यह भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से भ्रष्टाचार की गिरफ्त में आ गई थी।
इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल उठाया है कि भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और ईमानदारी को सुनिश्चित करने के लिए किस तरह के कदम उठाए जाने चाहिए। पुलिस विभाग और संबंधित अधिकारियों को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की गड़बड़ी से बचा जा सके और युवा अभ्यर्थियों को उचित और निष्पक्ष तरीके से रोजगार के अवसर मिल सकें।
हालांकि पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्यवाही की है, लेकिन यह मामला अब भी पूरी तरह से सुलझा नहीं है। जांच जारी है, और पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे सभी आरोपियों को सजा दिलवाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।