Janjgir-Chapma: जांजगीर-चांपा, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के दिशा-निर्देशन में, जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों की समस्याओं का समाधान करना और उन्हें शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। इस संदर्भ में, आज विकासखंड अकलतरा के ग्राम पंचायत अमलीपाली में जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का आयोजन ग्रामीणों की आवश्यकताओं और समस्याओं के समाधान के लिए किया गया, ताकि वे सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकें।
शिविर में स्थानीय नागरिकों के अलावा आस-पास के अन्य गांवों के ग्रामीण भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। यह आयोजन इस क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण था क्योंकि ग्रामीणों के सामने विभिन्न प्रकार की समस्याएं होती हैं, जिनका समाधान सरकार की योजनाओं से ही संभव हो सकता है। शिविर में कुल 74 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें विभिन्न विभागों से जुड़ी समस्याओं और मांगों को दर्ज किया गया। यह आवेदनों का पूरा विवरण समय सीमा के भीतर दर्ज किया गया और उनकी समीक्षा की जाएगी, ताकि हर आवेदन का उचित समाधान मिल सके।
शिविर में विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा स्टॉल लगाए गए थे, जहाँ नागरिकों को योजनाओं और सेवाओं के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री गोकुल रावटे और श्री गुलाब सिंह चंदेल सहित अन्य जनप्रतिनिधि, जिला स्तरीय अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित थे। इन सभी ने शिविर का निरीक्षण किया और यह सुनिश्चित किया कि सभी आवेदनों को सही तरीके से दर्ज किया जाए और समय पर समाधान किया जाए।
शिविर में कृषि विभाग, महिला बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग और आयुर्वेद विभाग सहित कई अन्य विभागों ने अपनी योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान की। कृषि विभाग द्वारा किसानों को नई तकनीकों, उर्वरक योजनाओं और कृषि से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी दी गई। महिला बाल विकास विभाग ने महिला सशक्तिकरण, पोषण योजना और बाल कल्याण से जुड़ी योजनाओं के बारे में बताया।
स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा योजना के बारे में बताया, ताकि वे बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें। पशुपालन विभाग ने ग्रामीणों को पशुपालन से जुड़े लाभकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी, जिससे वे अपने पशुओं का बेहतर पालन कर सकें। आयुर्वेद विभाग ने स्वास्थ्य के प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपचार के तरीकों के बारे में भी जानकारी प्रदान की।
शिविर के दौरान विशेष कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया, जैसे गोद भराई और बच्चों का अन्नप्राशन कार्यक्रम। इन कार्यक्रमों का आयोजन महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण को ध्यान में रखते हुए किया गया। गोद भराई कार्यक्रम में गर्भवती महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया, वहीं अन्नप्राशन कार्यक्रम में बच्चों को आहार के महत्व के बारे में बताया गया।
इस आयोजन का उद्देश्य यह था कि ग्रामीणों को शासन की योजनाओं और सेवाओं के बारे में पूरी जानकारी मिले और वे इन्हें अपने जीवन में लागू कर सकें। यह शिविर न केवल ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान प्रदान करने का एक माध्यम था, बल्कि यह सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने का एक महत्वपूर्ण कदम भी था।
इस प्रकार के शिविरों का आयोजन लोगों तक सरकार की योजनाओं को पहुंचाने और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए अत्यंत प्रभावी साबित होता है। ऐसे आयोजन से ग्रामीणों में जागरूकता फैलती है और वे शासन की योजनाओं का बेहतर लाभ उठा सकते हैं।