CG NEWS: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वर्चुअल उपस्थिति में आज छत्तीसगढ़ के 10 जिलों में स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को मालिकाना हक प्रदान किया जाएगा। इस योजना के तहत इन जिलों के निवासियों को संपत्ति के रिकॉर्ड ऑफ राइट्स भी सौंपे जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी स्वामित्व योजना के तहत पूरे देश में 57 लाख से अधिक संपत्ति कार्डों का वितरण करेंगे, जिनमें छत्तीसगढ़ के 17 जिलों में 50 हजार से अधिक भूमि मालिकों के भूमि संबंधी रिकॉर्ड्स भी शामिल हैं। यह कार्यक्रम 12:30 बजे से शुरू होगा और कई जिलों में संपत्ति कार्डों का वितरण किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय धमतरी में, उपमुख्यमंत्री अरुण साव कोरबा में, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा दुर्ग में, कृषि मंत्री रामविचार नेताम बलरामपुर-रामानुजगंज में, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल महासमुंद में, वन मंत्री केदार कश्यप राजनांदगांव में, उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन कबीरधाम में, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल बलौदाबाजार-भाटापारा में, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी सरगुजा में और महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े सूरजपुर में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होंगे। इसके अलावा कोण्डागांव, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, गरियाबंद, जांजगीर-चांपा, बालोद, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी और सक्ती जैसे जिलों में भी संपत्ति कार्डों का वितरण किया जाएगा।
स्वामित्व योजना के प्रमुख उद्देश्य हैं ग्रामीणों को भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण के माध्यम से संपत्ति का अधिकार देना। यह योजना ड्रोन सर्वेक्षण और जीआईएस मानचित्रों की मदद से भूमि रिकॉर्ड को सटीक बनाने का प्रयास करती है, ताकि भूमि संबंधित विवादों को कम किया जा सके। इससे भूमि की खरीद, बिक्री और हस्तांतरण की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। साथ ही, यह योजना भूमि मालिकों को बैंक से ऋण प्राप्त करने में भी मददगार साबित होगी। इसके अतिरिक्त, यह सरकारी और सार्वजनिक संपत्तियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने में भी सहायक होगी।
स्वामित्व योजना की शुरुआत 24 अप्रैल 2020 को हुई थी, और इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को संपत्ति का मालिकाना हक देना था। अब तक देश के 3.17 लाख गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा किया जा चुका है, और 1.49 लाख गांवों के लिए 2.19 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए गए हैं। छत्तीसगढ़ में सभी ग्रामीण आबादी वाले गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा किया जा चुका है, और 1384 गांवों में 1.84 लाख संपत्ति कार्ड तैयार किए गए हैं।
स्वामित्व योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों को कई फायदे मिलेंगे। इसके माध्यम से ग्रामीणों को भूमि का कानूनी हक मिलेगा, जिससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। साथ ही, यह योजना ग्रामीणों को भूमि के रिकॉर्ड का डिजिटल प्रमाणपत्र प्रदान करती है, जिससे भूमि मालिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में आसानी होगी। भूमि विवादों के समाधान में भी इस योजना का महत्वपूर्ण योगदान होगा।