Cg Transfer News: रेलवे बोर्ड ने हाल ही में एक बड़ा प्रशासनिक निर्णय लेते हुए देशभर के 23 मंडल रेल प्रबंधकों (डीआरएम) का तबादला किया है। इस फैसले से रेलवे विभाग में विभिन्न स्तरों पर फेरबदल हुआ है और इससे विभागीय कार्यों में नई ऊर्जा और दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। जारी आदेश के अनुसार, बिलासपुर और रायपुर मंडलों के रेल प्रबंधकों में भी बदलाव किया गया है, जिससे इन मंडलों के कार्यप्रणाली में सुधार की संभावना जताई जा रही है।
बिलासपुर मंडल में नया डीआरएम के रूप में राजमल खोईवाल को नियुक्त किया गया है। राजमल खोईवाल उत्तर पश्चिम रेलवे में NFHAG/IRSSE अधिकारी के पद पर कार्यरत थे और अब उन्हें बिलासपुर मंडल का प्रभार सौंपा गया है। वे प्रवीण पांडे का स्थान लेंगे, जिनका स्थानांतरण अब किसी अन्य जिम्मेदारी के लिए किया गया है।
राजमल खोईवाल की नियुक्ति को रेलवे विभाग में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि उनकी तकनीकी और प्रशासनिक दक्षता से यह उम्मीद की जा रही है कि वे बिलासपुर मंडल की कार्यप्रणाली में सुधार लाएंगे। उनका अनुभव और नेतृत्व क्षमता इस नए पद पर उनकी सफलता के मुख्य कारण होंगे।
वहीं रायपुर मंडल में कोगंती संबसीवा राव को नया डीआरएम नियुक्त किया गया है। कोगंती राव पहले दक्षिण मध्य रेलवे में SAG/IRTS अधिकारी के रूप में कार्यरत थे और अब वे रायपुर मंडल का नेतृत्व करेंगे। वे संजीव कुमार, IRSEE का स्थान लेंगे, जिन्हें नए कार्यभार के लिए नियुक्त किया गया है। कोगंती राव की नियुक्ति से यह उम्मीद जताई जा रही है कि रायपुर मंडल में रेलवे विभाग के कामकाज में नयापन और कार्यकुशलता आएगी। उनके पास रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों का गहरा अनुभव है, और उनकी नेतृत्व क्षमता से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे रायपुर मंडल में सुधार लाने में सक्षम होंगे।
रेलवे बोर्ड के इस आदेश के बाद इन नए डीआरएम के लिए कई नई चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं, लेकिन यह भी सच है कि रेलवे विभाग में परिवर्तन की प्रक्रिया हमेशा सुधार की दिशा में होती है। इस तरह के फेरबदल से प्रशासनिक संरचना में ताजगी आती है और कार्यकुशलता में भी वृद्धि होती है। रेलवे नेटवर्क देश के सबसे बड़े और सबसे जटिल नेटवर्कों में से एक है, इसलिए किसी भी मंडल के डीआरएम का कार्यक्षेत्र बहुत ही जिम्मेदारी भरा और चुनौतीपूर्ण होता है।
नए डीआरएम को अपने कार्यक्षेत्र में न केवल यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखना होता है, बल्कि सुरक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर की देखभाल, समय पर ट्रेन संचालन, और कर्मचारियों की भलाई पर भी ध्यान देना होता है। ऐसे में इन नए नियुक्त किए गए डीआरएम के लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण होगा कि वे मंडल के सभी पहलुओं को सही तरीके से समझें और कामकाजी माहौल में सुधार लाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
रेलवे बोर्ड के इस निर्णय को रेलवे विभाग में कार्यकुशलता और सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा सकता है। इससे न केवल कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यात्रियों को भी बेहतर सेवा की उम्मीद रहेगी। इन बदलावों के माध्यम से यह भी संकेत मिलता है कि रेलवे बोर्ड अपनी कार्यप्रणाली को निरंतर सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है और भविष्य में रेलवे नेटवर्क को और भी अधिक प्रभावी और कार्यक्षम बनाने के लिए लगातार कदम उठा रहा है।