Raipur News: छत्तीसगढ़ में आगामी नगरीय निकाय चुनाव बैलट पेपर से करवाने की घोषणा उप मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने 27 दिसंबर को की। यह घोषणा राज्य में चुनावों की प्रक्रिया को लेकर महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देती है। चुनाव आयोग ने इस निर्णय पर काम करना शुरू कर दिया है, और जैसे ही सभी तैयारियां पूरी हो जाएंगी, अंतिम जानकारी साझा की जाएगी। इस निर्णय के पीछे सबसे बड़ा कारण ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की तैयारियों में देरी होना बताया गया है।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि इस बार नगरीय निकाय चुनाव बैलट पेपर से होंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ईवीएम की तैयारियों में समय लग सकता है, जिससे चुनाव आयोग ने बैलट पेपर से चुनाव कराने का निर्णय लिया। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि नगरीय निकाय चुनाव से पहले आरक्षण प्रक्रिया जारी है, जो चुनावों से जुड़ी नियमों में बदलाव का कारण बनी है। इस प्रक्रिया को जल्द पूरा करने की कोशिश की जा रही है ताकि चुनाव समय पर हो सकें।
अरुण साव ने यह भी कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि नगर निकाय चुनावों को बोर्ड एग्जाम से पहले समाप्त कर लिया जाए ताकि परीक्षा की प्रक्रिया पर कोई असर न पड़े। यह कदम छात्रों और उनके परिवारों को चुनाव की प्रक्रिया से होने वाली किसी भी तरह की असुविधा से बचाने के लिए उठाया गया है। उनका कहना था कि सरकार इस बात का पूरा ध्यान रखेगी कि परीक्षा के समय पर किसी प्रकार की विघ्न न आए।
इसके अलावा, उप मुख्यमंत्री ने चुनाव आयोग की तैयारियों पर भी भरोसा जताया। उनका कहना था कि आयोग अंतिम निर्णय के साथ अपनी तैयारी पूरी कर रहा है और जैसे ही चुनाव की तारीखों का ऐलान होगा, उसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा। चुनाव आयोग 7 जनवरी के बाद कभी भी आचार संहिता लागू कर सकता है, जिससे चुनाव की प्रक्रिया पूरी तरह से आधिकारिक रूप से शुरू हो जाएगी।
बैलेट पेपर से चुनाव कराने का निर्णय राज्य के चुनावी माहौल में एक बड़ा बदलाव है। ईवीएम से चुनाव कराने में तकनीकी और तैयारी से जुड़ी समस्याओं के कारण यह फैसला लिया गया है। हालांकि, बैलट पेपर से चुनाव कराना एक पारंपरिक तरीका है, जो कई राज्य और देश में अभी भी प्रभावी रूप से अपनाया जाता है। बैलट पेपर से मतदान करने की प्रक्रिया सरल होती है, लेकिन इसमें समय अधिक लगता है और गिनती में भी ज्यादा समय लगता है। इसके बावजूद, बैलट पेपर से चुनाव कराने का निर्णय यह दर्शाता है कि चुनाव आयोग और राज्य सरकार ने पारदर्शिता और निष्पक्षता को प्राथमिकता दी है।
इस बार के नगर निकाय चुनावों में बैलट पेपर से मतदान कराने का निर्णय न केवल तकनीकी कारणों से लिया गया है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करने के लिए कि चुनाव प्रक्रिया में कोई भी गड़बड़ी न हो। इसके अलावा, सरकार इस चुनाव को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से संपन्न कराने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। चुनावों के सही तरीके से आयोजन के लिए सभी संबंधित विभाग और आयोग अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं।
कुल मिलाकर, छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनावों की प्रक्रिया में बदलाव का यह निर्णय राज्य की चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता की दिशा में एक अहम कदम है। बैलट पेपर से चुनाव कराना एक ऐसा कदम है जो राज्य के नागरिकों को चुनावी प्रक्रिया में शामिल होने का अधिक अवसर प्रदान करेगा, और इसे समय पर और उचित तरीके से संपन्न कराने के लिए सरकार और चुनाव आयोग दोनों ही सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं।