Jammu-Kashmir: अधिकारियों ने बताया कि जम्मू और कश्मीर के पुंछ और राजौरी जिलों को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले से जोड़ने वाला महत्वपूर्ण वैकल्पिक मार्ग, मुगल रोड, पीर की गली और आसपास के इलाकों में बर्फबारी के कारण तीसरे दिन भी बंद रहा। यह मार्ग जम्मू और कश्मीर के पहाड़ी इलाकों के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी का स्रोत है, क्योंकि यह शोपियां और पुंछ-राजौरी के क्षेत्रों को एक दूसरे से जोड़ता है। मुगल रोड एक ऐतिहासिक मार्ग है, जो मुगलों के समय में सैन्य और व्यापारिक यातायात के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
इस मार्ग के बंद होने से स्थानीय लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। खासकर, जो लोग इस मार्ग का इस्तेमाल करके शोपियां और जम्मू के बीच यात्रा करते हैं, उनके लिए यह एक महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी का साधन है। बर्फबारी के कारण पीर की गली और उसके आसपास के इलाकों में काफी ठंड और भारी हिमपात हो रहा है, जिससे सड़क पर बर्फ की मोटी परत जमा हो गई है। इसके चलते प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से मार्ग को बंद कर दिया है।
मुगल रोड के बंद होने से यात्रियों और व्यापारियों की परेशानियाँ बढ़ गई हैं। यह मार्ग बंद होने के कारण, अन्य वैकल्पिक रास्तों की ओर रुख करना पड़ रहा है, जो अक्सर ज्यादा दूरी और समय लेते हैं। इसके अलावा, बर्फबारी के कारण दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ जाता है, जिससे यातायात और यात्रा में अधिक असुविधा होती है। स्थानीय प्रशासन ने इस मार्ग को खोलने के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है, लेकिन बर्फबारी की तीव्रता और सड़क की स्थिति को देखते हुए काम में देरी हो रही है।
वहीं, अधिकारियों ने बताया कि वे मुगल रोड को फिर से खोलने के लिए बर्फ हटाने का काम कर रहे हैं, लेकिन इसमें समय लग सकता है क्योंकि बर्फबारी अत्यधिक है और सड़क की स्थिति भी खराब हो चुकी है। प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे जब तक मार्ग पूरी तरह से खुल न जाए, तब तक यात्रा करने से बचें और मौसम की जानकारी लेते हुए ही बाहर निकलें। इसके साथ ही, स्थानीय लोगों और यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रुकने की सलाह भी दी गई है।
बर्फबारी की वजह से जम्मू और कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई स्थानों पर बिजली सप्लाई भी प्रभावित हुई है, और सड़कें बर्फ से ढक गई हैं। इसके अलावा, मौसम विभाग ने आगामी दिनों में और बर्फबारी की संभावना जताई है, जिससे स्थिति और अधिक जटिल हो सकती है। ऐसे में, प्रशासन को और अधिक सतर्क रहना होगा और लोगों को लगातार मौसम से जुड़ी जानकारी प्रदान करनी होगी, ताकि वे अनावश्यक यात्रा से बच सकें।
इस स्थिति ने स्थानीय व्यापारियों को भी काफी प्रभावित किया है, क्योंकि वे इस मार्ग से अपने माल को दूसरे इलाकों में भेजने के लिए निर्भर रहते हैं। सड़क बंद होने के कारण उनकी आपूर्ति श्रृंखला में रुकावट आई है, जिससे व्यापार में नुकसान हो रहा है। ऐसे में, सरकार और प्रशासन को इस समस्या के समाधान के लिए कदम उठाने होंगे, ताकि इस मार्ग को जल्दी से फिर से यातायात के लिए खोल सकें और लोगों की असुविधा को कम किया जा सके।
इस घटनाक्रम से यह भी साबित होता है कि प्राकृतिक आपदाएं, जैसे कि बर्फबारी और तूफान, किस तरह से सामाजिक और आर्थिक जीवन को प्रभावित करती हैं। इसके बावजूद, स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बल इस कठिन समय में भी जनता की सहायता के लिए सक्रिय हैं।
आज जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग इलाके में भारी बारिश और बर्फबारी के बीच एक भयंकर हिमस्खलन हुआ, जिसने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों में हड़कंप मचा दिया। यह हिमस्खलन इतनी तेज़ी से हुआ कि बर्फ के भारी टीले गिरते हुए पहाड़ों से नीचे आ गए, और कई लोग और मवेशी अपनी जान बचाने के लिए भागते हुए दिखाई दिए।
इस दृश्य ने न केवल प्रकृति की अपार शक्ति को उजागर किया, बल्कि इस इलाके में होने वाले मौसम परिवर्तन और अप्रत्याशित घटनाओं की गंभीरता को भी रेखांकित किया। जम्मू-कश्मीर में इन दिनों बर्फबारी और बारिश का मौसम चरम पर है, और इसके कारण अन्य क्षेत्रों में भी भारी तबाही मच चुकी है।
सोनमर्ग और इसके आसपास के इलाकों में बर्फबारी का मौसम लगातार जारी है, जिसके कारण पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फ का भारी ढेर जमा हो गया है। हिमस्खलन के कारण सड़कों और घरों को नुकसान पहुँचने के साथ-साथ कई इलाकों में यातायात भी ठप हो गया है। यह स्थिति यहाँ के निवासियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है, क्योंकि उनका जीवन इन अप्रत्याशित मौसम घटनाओं से प्रभावित हो रहा है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि इस तरह के हिमस्खलन और भूस्खलन के कारण इलाके में भारी नुकसान हो सकता है, जिससे बचने के लिए लोग सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं।
कश्मीर के कई अन्य हिस्सों में भी बर्फबारी और भारी बारिश के चलते भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं। खासकर उरी इलाके में, जो नियंत्रण रेखा के पास स्थित है, यहाँ भारी भूस्खलन के कारण कई घर ढह गए। इस घटनाक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे इस समस्या की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। भूस्खलन के कारण सड़कें अवरुद्ध हो गईं, और स्थानीय लोगों को अपनी जान की सलामती के लिए सुरक्षित स्थानों की ओर भागना पड़ा।
सोमवार को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को भी भूस्खलन के कारण बंद कर दिया गया था, जो कश्मीर को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाला एकमात्र मार्ग है। इस मार्ग के बंद होने से इलाके में यात्रा के दौरान कई घंटों की देरी हुई और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। जम्मू के रामबन जिले के कई क्षेत्रों में भारी भूस्खलन हुआ, जिससे यह मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया। इस कारण जम्मू और कश्मीर के बीच आवागमन प्रभावित हुआ, और लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए मजबूर हो गए।
इसके अतिरिक्त, जम्मू के पुंछ और राजौरी जिलों को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले से जोड़ने वाला वैकल्पिक मार्ग, मुगल रोड भी बर्फबारी के कारण बंद रहा। इस मार्ग के बंद होने से इन क्षेत्रों के निवासियों को अतिरिक्त कठिनाइयाँ उठानी पड़ीं। अधिकारियों ने इन मार्गों पर काम करने में कठिनाई की स्थिति का सामना किया, और सड़कों की मरम्मत में देरी हो रही है।
आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, पिछले 72 घंटों के दौरान जम्मू और कश्मीर में भारी बारिश के कारण सभी नदियों, झीलों और नालों का जल स्तर बढ़ गया है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटों के दौरान भी इसी तरह के मौसम की संभावना बनी हुई है, जो बाढ़ और भूस्खलन जैसी समस्याओं को और बढ़ा सकता है। इसके परिणामस्वरूप कई स्कूलों को बंद कर दिया गया है, और स्थानीय प्रशासन ने लोगों को इन खतरनाक क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी है।
इन सभी घटनाओं के बीच, जम्मू-कश्मीर के लोग अपनी जान और संपत्ति की सुरक्षा के लिए राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। सरकारी अधिकारियों और राहत दलों के साथ मिलकर लोग प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे हैं। इस कठिन समय में, यह साफ दिख रहा है कि जम्मू-कश्मीर के लोग इन अप्रत्याशित घटनाओं के बावजूद पूरी तरह से तैयार हैं, लेकिन फिर भी सुरक्षा उपायों का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण है।