CG NEWS: और उनके परिवार के घर ED ने मारा छापा, भारी संख्या में सीआरपीएफ जवान तैनात

CG NEWS: छत्तीसगढ़ में आज सुबह से ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की बड़ी कार्रवाई चल रही है। इस छापेमारी के दौरान ईडी की टीम ने चार प्रमुख ठिकानों पर दबिश दी है, जिनमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा भी शामिल हैं। उनके ठिकानों पर ईडी की टीम ने सुबह-सुबह जांच शुरू कर दी। इस छापेमारी का दायरा काफी बड़ा है, और इसमें अन्य नेताओं के घरों पर भी कार्रवाई की जा रही है।

ईडी की टीम ने रायपुर के धरमपूरा स्थित कवासी लखमा के आवास पर छानबीन की। साथ ही, रायपुर के चौबे कॉलोनी में उनके करीबी माने जाने वाले सुशील ओझा के घर पर भी छापेमारी की गई और पूछताछ शुरू कर दी। इस दौरान, सुरक्षा के मद्देनजर भारी संख्या में सीआरपीएफ के जवान भी तैनात किए गए थे।

पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के गृह निवास नागारास समेत कुल चार ठिकानों पर यह कार्रवाई की गई है। इसके अलावा, छत्तीसगढ़ के नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी और ठेकेदार RSSB के घरों पर भी ईडी ने छापा मारा। यह कार्रवाई प्रदेश के सियासी गलियारों में खलबली मचा चुकी है, क्योंकि कवासी लखमा छत्तीसगढ़ कांग्रेस के बड़े नेता माने जाते हैं और उनका सियासी असर काफी गहरा है। वह कोंटा से विधायक रहे हैं और प्रदेश की राजनीति में उनका अहम स्थान रहा है।

इस छापेमारी से जुड़ी जानकारी के अनुसार, सुकमा जिले में भी ईडी की टीम ने कार्रवाई की है। यहां उनके बेटे हरीश कवासी के शासकीय आवास और सुकमा के नगरपालिका अध्यक्ष राजू साहू के घर पर भी दबिश दी गई। इन सभी ठिकानों पर कार्रवाई से छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मच गई है। अब इस मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है, और यह उम्मीद जताई जा रही है कि जांच का दायरा और बढ़ सकता है।

कवासी लखमा छत्तीसगढ़ कांग्रेस के एक बड़े और प्रभावशाली नेता हैं, और उनका हमेशा से ही विवादों से गहरा नाता रहा है। वे अपने बयानों के कारण अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं। हाल ही में उनके खिलाफ कई आरोप भी उठाए गए थे, लेकिन इस छापेमारी के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि मामला गंभीर है और इसे लेकर जांच की प्रक्रिया तेज हो गई है। उनके समर्थक और विरोधी दोनों ही इस कार्रवाई पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

ईडी की कार्रवाई को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी तेज हो गई है। जहां कुछ नेता इसे राजनीतिक प्रतिशोध मान रहे हैं, वहीं कुछ अन्य इसे कानून व्यवस्था के तहत उचित कदम बता रहे हैं। इस छापेमारी के बाद अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या इस मामले में और बड़े नाम सामने आएंगे और क्या यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ की राजनीति को और भी प्रभावित करेगी।

यह छापेमारी प्रदेश के सियासी माहौल में एक नई द्रुत गति का संकेत देती है, और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़ी नई जानकारियाँ सामने आ सकती हैं। ईडी की कार्रवाई को लेकर जनता में भी जिज्ञासा बढ़ गई है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस पूरे मामले में आगे क्या घटनाक्रम होता है।

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