Gariaband News: गरियाबंद पुलिस में पदस्थ आरक्षक मनीष चंद्राकर का चयन छत्तीसगढ़ हैंडबॉल सीनियर पुरुष टीम में किया गया है। उनका चयन भिलाई में आयोजित कोचिंग कैम्प के पश्चात हुआ, जो कि 26 से 29 दिसंबर तक केरल के कोट्टायाम में आयोजित 53वीं सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए हुआ है। मनीष चंद्राकर का चयन उनके कठिन परिश्रम और खेल के प्रति समर्पण का परिणाम है।
मनीष ने अपने करियर में पहले भी कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है। अब तक वह 28 बार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके हैं। यह उनकी 7वीं बार है जब वह राज्य की सीनियर पुरुष हैंडबॉल टीम का हिस्सा बने हैं। मनीष का मानना है कि यदि राज्य पुलिस विभाग अन्य राज्यों की तरह खेल के प्रति अधिक प्रोत्साहन दे, तो राज्य पुलिस के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।
उनका यह विचार विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि खेलों में पुलिस विभाग की भूमिका और खिलाड़ियों के लिए उपलब्ध सुविधाएं अक्सर महत्वपूर्ण होती हैं, और राज्य में खेल के प्रति अधिक प्रोत्साहन से खिलाड़ीयों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में मदद मिल सकती है।
मनीष के चयन पर गरियाबंद के पुलिस अधीक्षक निखिल अशोक रखेचा ने उन्हें शुभकामनाएँ दी हैं और उनकी खेल यात्रा में सफलता की कामना की है। साथ ही उन्होंने मनीष के अच्छे खेल प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहन भी दिया है। गरियाबंद के कलेक्टर दीपक अग्रवाल, अति पुलिस अधीक्षक जितेंद्र चंद्राकर, डीएसपी निशा सिन्हा, और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने भी मनीष को बधाई दी है और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ हैंडबॉल संघ के बशीर अहमद खान, प्रदेश ओलम्पिक के सचिव विक्रम सिसोदिया, प्रदेश हैंडबॉल के सचिव समीर खान, उपाध्यक्ष इमरान अली, और अन्य खेल अधिकारियों ने भी मनीष के चयन पर खुशी जताई और उन्हें शुभकामनाएँ दीं।
मनीष का खेल सफर यहीं नहीं रुकता। उन्होंने 2023 में भारत की सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिता, 37वीं नेशनल गेम्स में कांस्य पदक भी जीता था। यह उनकी मेहनत और खेल में उत्कृष्टता का प्रतीक है। इस पदक को जीतकर उन्होंने न केवल खुद को, बल्कि अपने राज्य को भी गौरवान्वित किया। उनका यह कारनामा यह सिद्ध करता है कि यदि किसी खिलाड़ी को सही प्रोत्साहन और अवसर मिलें, तो वह बड़े पैमाने पर सफलता हासिल कर सकता है।
मनीष चंद्राकर का यह चयन न केवल उनके लिए, बल्कि उनके परिवार, दोस्तों, और समर्थकों के लिए गर्व का क्षण है। उनका खेल के प्रति समर्पण और अनुशासन उन्हें और अधिक ऊँचाइयों तक पहुँचाने में मदद करेगा। उनके जैसे खिलाड़ियों का चयन यह दिखाता है कि भारतीय पुलिस विभाग के कर्मचारी केवल अपनी सेवाओं में नहीं, बल्कि खेलों में भी श्रेष्ठता हासिल कर सकते हैं। मनीष के इस चयन से अन्य पुलिसकर्मियों को भी प्रेरणा मिलती है कि वे अपनी नौकरी के साथ-साथ खेलों में भी भाग लेकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
मनीष के चयन ने यह साबित किया है कि अगर किसी को सही मार्गदर्शन और अवसर मिले, तो वह किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकता है। उनका यह सफर न केवल उनकी मेहनत का परिणाम है, बल्कि राज्य और देश के लिए गर्व की बात है।