CG NEWS : पैंगोलिन के छिलकों की तस्करी, चार आरोपी गिरफ्तार

CG NEWS :  छत्तीसगढ़ के वनमंत्री केदार कश्यप और प्रमुख वन अधिकारियों की देखरेख में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में वन्यप्राणी संरक्षण के प्रति गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। 26 दिसंबर 2024 को, राज्य के विभिन्न वन विभागों की संयुक्त टीम ने पेंगोलिन शल्क (पेंगोलिन स्केल) और बाघ के अवयव की अवैध तस्करी के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया। यह कार्यवाही खासतौर पर उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व और पश्चिम भानुप्रतापपुर वनमंडल की टीम द्वारा की गई, जिसमें वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की गई।

यह कार्रवाई वन्यप्राणी तस्करी के एक बड़े नेटवर्क की ओर इशारा करती है, जो वन्यजीवों के अंगों को अवैध रूप से बाजार में बेचने का काम कर रहा था। प्राप्त जानकारी के आधार पर, तस्करी में शामिल व्यक्तियों की पहचान की गई और उन्हें रंगे हाथ पकड़ा गया। आरोपियों के खिलाफ वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम की धारा 9, 51 और 52 के तहत वन अपराध का मामला दर्ज किया गया। इन चार आरोपियों में सुधीर रामजी रामटेके (52 वर्ष), विजय मण्डल (37 वर्ष), राधाकृष्ण सरकार (48 वर्ष), और अनिल रिसेश्वर कुमरे (58 वर्ष) शामिल हैं। इन चारों आरोपियों को, जो महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के विभिन्न गांवों के निवासी थे, पखांजूर में गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तारी के दौरान, आरोपियों के पास से एक सफेद प्लास्टिक बोरी में कुल 13.162 किलोग्राम पेंगोलिन के शल्क (स्केल) बरामद हुए। इसके साथ ही आरोपियों के पास दो मोटरसाइकिलें भी थी, जिनका उपयोग वे वन्यजीवों के अवयवों की अवैध तस्करी के लिए कर रहे थे। यह तस्करी बड़ी साजिश का हिस्सा थी, जिसमें पेंगोलिन के शल्क को बाजार में बेचा जा रहा था, जिनकी मांग तस्करी और काले बाजार में बहुत अधिक है।

इस मामले में पुलिस की साइबर सेल और गरियाबंद जिला पुलिस का भी विशेष योगदान रहा, जिसने तकनीकी सहायता प्रदान की और आरोपियों को पकड़ने में अहम भूमिका निभाई। वन विभाग की टीम में उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व की एंटी-पोचिंग टीम का विशेष योगदान था, जिसमें नोडल अधिकारी और सहायक संचालक गोपाल कश्यप, उपवनमंडलाधिकारी एच.एस. उइके, पश्चिम कापसी के उपवनमंडलाधिकारी एम.एस. नाग, और कापसी सामान्य के परिक्षेत्र अधिकारी देवदत्त तारम सहित कई वन विभाग के कर्मचारी शामिल थे।

इस सफलता पर, वन विभाग ने बताया कि इस प्रकार की कार्यवाहियों को और तेज किया जाएगा ताकि राज्य के वन्यजीवों की तस्करी को रोका जा सके। वन विभाग के अधिकारियों ने यह भी कहा कि यह कार्रवाई केवल एक उदाहरण है, और वन्यजीवों के अवयवों की तस्करी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इन आरोपियों को गिरफ्तार कर, 27 दिसंबर 2024 को उन्हें न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेशानुसार जेल भेज दिया गया। वन विभाग ने इस कार्रवाई के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया है कि वन्यजीवों के संरक्षण के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और तस्करी से जुड़े सभी अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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