CG NEWS: 15 से 55 लाख की लागत में बने मिनी स्टेडियम, खेल सुधार की बजाय पड़े रहे बर्बाद

CG NEWS: हाल ही में कई रिपोर्टों में मिनी स्टेडियमों के निर्माण और रखरखाव से जुड़ी गंभीर समस्याएं सामने आई हैं। लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद, कई स्टेडियमों का रखरखाव ठीक से नहीं किया गया है, जिसके कारण ये खेल गतिविधियों के बजाय अन्य आयोजनों के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं। उदाहरणस्वरूप, मुजफ्फरपुर, बिहार में मुख्यमंत्री खेल विकास योजना के तहत विभिन्न प्रखंडों में मिनी स्टेडियमों का निर्माण हुआ था, लेकिन रखरखाव की कमी के कारण वे अब शादी-ब्याह और अन्य कार्यक्रमों के लिए उपयोग हो रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के बैकुंठपुर जिले के सलका में 3 करोड़ 96 लाख रुपये की लागत से बने सलका स्टेडियम का निर्माण चार साल बाद भी अधूरा है। यहां भी खिलाड़ियों के लिए जरूरी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। इसी तरह, हरियाणा के रादौर में 67 लाख रुपये खर्च करने के बाद भी खेल स्टेडियम का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है और आवश्यक धन की कमी के कारण यह कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है।

इसके अलावा, इंदौर में 60 साल पुराना नेहरू स्टेडियम अब जर्जर हो चुका है और उसकी स्थिति बिगड़ती जा रही है। नगर निगम ने एक नया खेल संकुल बनाने का निर्णय लिया है, लेकिन यह भी दर्शाता है कि पुराने स्टेडियमों का रखरखाव एक बड़ी चुनौती बन गया है।

इन उदाहरणों से यह स्पष्ट है कि मिनी स्टेडियमों और खेल सुविधाओं का निर्माण और रखरखाव दोनों ही समस्याओं का सामना कर रहे हैं। अगर इन मुद्दों का जल्द समाधान नहीं किया गया, तो इससे खेल विकास की बजाय संसाधनों की बर्बादी होगी। सरकारों और अधिकारियों को इन समस्याओं के समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।

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