CG NEWS: गाँव के सरपंच, पंचों और बुजुर्गों का सम्मान एक सामाजिक सौहार्द की अनूठी मिसाल है। यह परंपरा न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजती है, बल्कि नई पीढ़ी को आदर और एकता का संदेश भी देती है। गाँव की पंचायत में सरपंच और पंचों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि वे न्याय, विकास और सामाजिक समरसता को बनाए रखने में अहम योगदान देते हैं।
बुजुर्गों का सम्मान करना हमारी सभ्यता की जड़ में बसा हुआ है। वे अपने अनुभव, ज्ञान और नैतिक मूल्यों से समाज को दिशा देते हैं। जब किसी गाँव में पंच, सरपंच और बुजुर्गों को आदरपूर्वक सम्मानित किया जाता है, तो इससे समाज में आपसी प्रेम और भाईचारे की भावना मजबूत होती है।
इस तरह के आयोजनों से न केवल युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है, बल्कि पूरे गाँव में एकता और सहयोग की भावना भी प्रबल होती है। यह सामाजिक सौहार्द का एक उज्ज्वल उदाहरण है, जो दर्शाता है कि हमारे समाज में परंपराओं का सम्मान ही सच्ची प्रगति की पहचान है।