CG NEWS: अव्यवस्था की भेंट चढ़ा रायपुर का एकमात्र सिकलसेल संस्थान

CG NEWS: रायपुर छत्तीसगढ़ विधानसभा में राजधानी रायपुर स्थित एकमात्र शासकीय सिकलसेल संस्थान की बदहाल स्थिति पर गंभीर चर्चा हुई। वर्तमान में इस संस्थान में न तो पर्याप्त विशेषज्ञ डॉक्टर हैं और न ही आवश्यक मेडिकल स्टाफ, जिससे सिकलसेल रोगियों को उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है।

आज विधानसभा में इस मुद्दे को सत्तापक्ष के विधायक द्वारा उठाया गया। उन्होंने विभागीय मंत्री से पूछा कि यह संस्थान कब तक पूरी सुविधाओं से युक्त होगा। इस पर स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही इस संस्थान में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी की जाएंगी।

संस्थान में डॉक्टर और स्टाफ की भारी कमी

विधानसभा में भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से यह मामला उठाया। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में इस समय 25 लाख सिकलसेल मरीज हैं और हर साल 1% की वृद्धि हो रही है। मरीजों को उचित इलाज देने के लिए राजधानी में सिकलसेल संस्थान खोला गया था, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति अब तक नहीं की गई।

इतना ही नहीं, अस्पताल में महंगे चिकित्सा उपकरण उपलब्ध होने के बावजूद उन्हें संचालित करने के लिए मेडिकल स्टाफ की भर्ती नहीं की गई। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस योजना भी पिछले दो सालों से सिर्फ कागजों में अटकी पड़ी है। लाखों के बजट प्रावधान के बावजूद मरीजों को इलाज की जगह सिर्फ ओपीडी की पर्ची दी जा रही है।

स्वास्थ्य मंत्री ने जल्द समाधान का दिया भरोसा

भाजपा विधायक ने सरकार से यह सवाल किया कि कब तक इस संस्थान की स्थिति सुधरेगी और मरीजों को संपूर्ण चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी। इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने बताया कि इस अस्पताल में 180 कर्मचारियों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन फिलहाल केवल 27 कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि 153 पद खाली पड़े हैं।

मंत्री ने यह भी बताया कि संस्थान में 8,943 मरीज पंजीकृत हैं और उन्हें आवश्यक सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि जल्द ही संस्थान की सभी कमियों को दूर कर इसे सर्वसुविधायुक्त अस्पताल बनाया जाएगा।

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