CG NEWS: रायपुर, छत्तीसगढ़ पहली बार विधानसभा में मुख्यमंत्री स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) के खिलाफ ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया गया है। यह प्रस्ताव स्वास्थ्य व्यवस्था में कमी और CMHO के कामकाज पर गंभीर सवाल उठाते हुए विधानसभा में रखा गया।
प्रस्ताव का कारण
विधानसभा में इस प्रस्ताव को विपक्षी दलों ने पेश किया, जिन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की मांग की है। उनका कहना है कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है, और CMHO द्वारा स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं।
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के बिंदु
स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में गिरावट और दूर-दराज इलाकों में चिकित्सा सुविधा की कमी।
स्वास्थ्य केंद्रों में संसाधनों की कमी, जिससे चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
CMHO के कार्यों पर लगातार आरोप, जिनमें अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों के ठीक से निरीक्षण की कमी बताई गई।
रोग नियंत्रण और टीकाकरण अभियान में देरी और कमी।
विपक्ष का आरोप
विपक्षी दलों का कहना है कि CMHO के निर्देशन में राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की कोई ठोस योजना नहीं बनी है। इसके अलावा, विधानसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की कमी और प्रशासनिक लापरवाही के कारण हालात बिगड़ रहे हैं।
सरकार का पक्ष
सरकार ने इस प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि CMHO और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सक्रिय और समर्पित हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं, और राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए नई योजनाओं पर काम कर रही है।
आगे की प्रक्रिया
अब इस ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर विधानसभा में चर्चा की जाएगी, और CMHO को अपनी सफाई देने का मौका मिलेगा। यदि आवश्यक हुआ तो सरकार और विपक्ष दोनों मिलकर इस पर आगे की कार्यवाही करेंगे।
निष्कर्ष
यह ध्यानाकर्षण प्रस्ताव छत्तीसगढ़ विधानसभा में एक नई राजनीतिक दिशा को दर्शाता है, जहां स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली और सीएमएचओ के कर्तव्यों को लेकर गहरी चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं। स्वास्थ्य सुधार की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है, जो राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए प्रेरित कर सकता है।