Kanya Vivah Yojana: प्रदेश सरकार ने इस वर्ष नवविवाहित बेटियों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। पहले जहां उन्हें 21 हजार रुपये की राशि दी जाती थी, अब इस राशि को बढ़ाकर 35 हजार रुपये कर दिया गया है। यह राशि सीधे बेटियों के बैंक खाते में जमा की जाएगी या फिर बैंक ड्राफ्ट के रूप में दी जाएगी। इस कदम से नवविवाहित बेटियों को आर्थिक सहायता मिलेगी, जिससे उनके विवाह के बाद की स्थिति में कुछ राहत मिल सकेगी।
बस्तर में इस बार मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत जनवरी और फरवरी महीने में विवाह कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की कन्याओं के विवाह को आसान बनाना है। इसके लिए प्रशासन ने तैयारियाँ शुरू कर दी हैं और दिसंबर महीने में आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी। योजना के तहत eligible परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि वे अपनी बेटी का विवाह सम्मानजनक तरीके से कर सकें।
जानकारी के अनुसार, इस वर्ष बस्तर में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 280 गरीब और निर्धन बेटियों के विवाह का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के तहत, अब सरकार प्रत्येक कन्या के लिए बैंक ड्राफ्ट की राशि 21 हजार रुपये से बढ़ाकर 35 हजार रुपये कर दी है। यह योजना सरकार द्वारा बेटियों के विवाह में आर्थिक मदद प्रदान करने के उद्देश्य से चलाई जाती है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष बस्तर में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत 340 बेटियों का विवाह हुआ था, जबकि इस वर्ष का लक्ष्य अपेक्षाकृत कम रखा गया है।
इस योजना के तहत, मुख्यमंत्री खाद्यान्ह योजना के अंतर्गत एक परिवार की 18 वर्ष से अधिक आयु की अधिकतम दो कन्याओं की शादी में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह योजना उन परिवारों के लिए है जिनकी वित्तीय स्थिति कमजोर है और वे अपनी बेटियों की शादी के लिए आर्थिक सहायता चाहते हैं। योजना के लाभ प्राप्त करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है या फिर स्थानीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत, उन परिवारों को सहायता प्रदान की जा रही है जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए परिवार को कुछ आवश्यक दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होते हैं, जैसे कि आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, और पासपोर्ट साइज फोटो। इसके अलावा, एक बैंक ड्राफ्ट भी जरूरी होता है।
राज्य सरकार ने इस योजना के तहत नवविवाहित बेटियों के बैंक खाते में 21 हजार की जगह अब 35 हजार रुपए की राशि देने का निर्णय लिया है। वर्ष 2023 में सरकार ने 50 हजार रुपए तक की राशि की स्वीकृति दी है, जिसका उपयोग विवाह के समय वर-वधु के जोड़े, अन्य श्रृंगार सामग्री, और विदाई के दौरान होने वाले सभी खर्चों के लिए किया जाएगा। इस निर्णय से राज्य के गरीब परिवारों को आर्थिक मदद मिलेगी और उनके बच्चों के विवाह के दौरान होने वाली आर्थिक चुनौतियों में कमी आएगी।
जाति प्रमाण पत्र के लिए हितग्राहियों को 50 साल का रिकॉर्ड अनिवार्य किया गया है। लेकिन कई लोगों के पास इस अवधि का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। इसके कारण उन्हें आवेदन प्रक्रिया में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि वे आवश्यक दस्तावेज़ और प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं कर पा रहे हैं। यह स्थिति लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रही है, और उन्हें अपनी जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।
शहरी क्षेत्रों में इन दिनों “मोर जमीन, मोर मकान” योजना के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों का चयन किया जा रहा है। नगर निगम द्वारा पात्र हितग्राहियों का सर्वे कर आवास के लिए ऑनलाइन आवेदन भरवाए जा रहे हैं। इसके लिए एक विशेष चेंबर का निर्माण किया गया है, जहां लोग अपने आवेदन जमा कर सकते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, पीएम आवास योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदकों को आधार कार्ड और अन्य आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ जाति प्रमाण पत्र भी जमा करना अनिवार्य है। जाति प्रमाण पत्र में कम से कम 50 साल का रिकॉर्ड होना आवश्यक है। कई लोगों के पास यह रिकॉर्ड नहीं होने के कारण उन्हें आवेदन प्रक्रिया में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
इस योजना में सबसे पहले एसटी और एससी वर्ग के लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है, फिर सामान्य और ओबीसी वर्ग के लोगों को मौका दिया जाएगा। एसटी-एससी वर्ग के लोग अपने जाति प्रमाण पत्र को तहसील कार्यालय से बनवाकर ऑनलाइन आवेदन में जमा कर सकते हैं।
आवेदकों के लिए कुछ महत्वपूर्ण पात्रताएँ हैं:
- आवेदक को 31 अगस्त 2024 तक नगर निगम क्षेत्र में निवासरत होना चाहिए।
- एक परिवार में पति, पत्नी और अविवाहित बच्चे शामिल होंगे।
- परिवार की वार्षिक आय 3 लाख से कम होनी चाहिए।
- परिवार का कोई स्थायी आवास नहीं होना चाहिए।
आवेदन प्रक्रिया में अब जाति प्रमाण पत्र की अनिवार्यता के कारण कुछ लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। पहले इस प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं थी, लेकिन अब यह नियम लागू किया गया है। निगम प्रशासन इस योजना के तहत कच्चे मकान में रहने वाले लोगों को पक्का मकान देने के लिए गंभीरता से काम कर रहा है।
अब तक 7400 हितग्राहियों को इस योजना का लाभ मिल चुका है और 280 लोगों का सर्वे किया गया है। हालांकि, दस्तावेज़ों की कमी के कारण अब तक केवल 8 लोगों का आवेदन जमा हो सका है। निगम द्वारा आवेदकों को अपनी सभी दस्तावेज़ी जानकारी पूरी करने की सलाह दी गई है।