SARKARI YOJANA: एक राष्ट्र एक राशन कार्ड (One Nation One Ration Card) योजना भारत सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य पूरे देश में राशन कार्डधारकों को कहीं भी सस्ता अनाज प्राप्त कराने की सुविधा देना है। यह योजना विशेष रूप से उन प्रवासी श्रमिकों और गरीब परिवारों के लिए फायदेमंद है, जो एक राज्य से दूसरे राज्य में काम करने जाते हैं।
योजना का उद्देश्य :
- देशभर में राशन कार्ड की पोर्टेबिलिटी यानी एक राज्य के राशन कार्ड को दूसरे राज्य में भी मान्यता देना।
- प्रवासी मजदूरों और उनके परिवारों को कहीं भी राशन की सुविधा देना।
- पारदर्शिता और भ्रष्टाचार में कमी लाना।
- राशन वितरण प्रणाली को डिजिटल और आधार-आधारित बनाना।
मुख्य विशेषताएं :
राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी: राशन कार्ड धारक देश के किसी भी PDS दुकान से राशन ले सकता है।
आधार आधारित सत्यापन: लाभार्थी का सत्यापन आधार नंबर और बायोमेट्रिक के जरिए किया जाता है।
डिजिटल रिकॉर्ड: सभी लेनदेन को ऑनलाइन रिकॉर्ड किया जाता है ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
मुफ्त/सस्ता अनाज: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और NFSA के तहत मुफ्त या रियायती दरों पर गेहूं, चावल आदि मिलते हैं।
फायदे :
- प्रवासी मजदूरों को जहां काम कर रहे हैं वहीं राशन मिल सकेगा।
- महिलाओं और बच्चों को सुलभ पोषण मिलेगा।
- डुप्लीकेट राशन कार्ड और फर्जीवाड़े की संभावना घटेगी।
- देश की PDS प्रणाली अधिक सशक्त और एकीकृत होगी।
कैसे करें उपयोग:
अपने राशन कार्ड को आधार से लिंक करवाएं।
नजदीकी राशन दुकान पर जाकर बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन करवाएं।
किसी भी राज्य की PDS दुकान पर जाकर राशन प्राप्त करें।
राशन की जानकारी मोबाइल ऐप या SMS के जरिए प्राप्त कर सकते हैं।
कब लागू हुई यह योजना?
“एक राष्ट्र एक राशन कार्ड” योजना को जून 2020 तक पूरे देश में लागू कर दिया गया था। इससे पहले इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 2019 में कुछ राज्यों में शुरू किया गया था।
निष्कर्ष :
“एक राष्ट्र एक राशन कार्ड” योजना भारत के गरीब और श्रमिक वर्ग के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। यह योजना न सिर्फ राशन की सुविधा को आसान बनाती है, बल्कि गरीबी हटाने और भूखमरी कम करने की दिशा में भी एक सशक्त पहल है।