महायुति के नेताओं के बीच अभी तक इस बात पर कोई स्पष्ट सहमति नहीं बन पाई है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। राज्यपाल ने इस स्थिति को देखते हुए एकनाथ शिंदे को नई सरकार के गठन तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया है। यह स्थिति राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि महायुति के भीतर नेतृत्व को लेकर मतभेद जारी हैं।
शिवसेना के प्रमुख एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इस घटनाक्रम के बाद भी राज्य के अगले मुख्यमंत्री के नाम को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी (अजित पवार) द्वारा गठित महायुति गठबंधन ने विधानसभा चुनाव में भारी जीत हासिल की। महायुति ने महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों में से 235 सीटों पर विजय प्राप्त की, जिसमें बीजेपी ने 131 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि शिवसेना को 57 और एनसीपी को 41 सीटें मिलीं।
महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता देवेंद्र फडणवीस और कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सबसे आगे हैं। हालांकि चुनाव परिणामों के चार दिन बाद भी इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है। गठबंधन के नेताओं का कहना है कि वे आपसी बातचीत से मुख्यमंत्री का नाम तय करेंगे।
सूत्रों के अनुसार, बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने का मन बना लिया है, लेकिन इस पर कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नाराज हैं, जिससे बीजेपी इस घोषणा को टाल रही है। इस बीच, एनसीपी नेता अजित पवार ने भी फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने का समर्थन किया है।
शिवसेना की ओर से यह मांग उठाई गई है कि अगर एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाता, तो उन्हें गृह मंत्रालय और अन्य महत्वपूर्ण विभाग दिए जाएं। शिंदे सरकार में गृह विभाग फडणवीस के पास था। शिवसेना नेताओं ने बीती रात फडणवीस से मुलाकात की और अपनी मांग को रखा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एकनाथ शिंदे के शिवसेना गुट ने नई सरकार में गृह विभाग और अन्य अहम मंत्रालयों की मांग की है। बीजेपी जल्द ही राज्य में पर्यवेक्षकों को भेजकर विधायकों से बात करेगी और अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री और आरपीआई (अठावले) प्रमुख रामदास अठावले ने कहा कि बीजेपी ने फडणवीस के नाम पर मुहर लगा दी है, लेकिन शिंदे की नाराजगी को दूर करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि शिंदे को उपमुख्यमंत्री या केंद्रीय मंत्री बनना चाहिए। इसके साथ ही अठावले ने सुझाव दिया कि अगर शिंदे को उपमुख्यमंत्री का पद नहीं स्वीकार करना हो, तो उन्हें केंद्र में स्थान दिया जाए।
शिवसेना के नेता शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग कर रहे हैं, जबकि बीजेपी इस बार मुख्यमंत्री पद अपने पास रखना चाहती है। शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने पुष्टि की कि राज्य सरकार के गठन की प्रक्रिया जारी है और अंतिम निर्णय बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत के बाद लिया जाएगा।