Bilaspur News: डीईओ (जिला शिक्षा अधिकारी) के औचक निरीक्षण में स्कूल के शिक्षकों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कई शिक्षक समय पर स्कूल नहीं पहुंचे थे। यह लापरवाही न केवल अनुशासनहीनता को दर्शाती है बल्कि छात्रों की शिक्षा पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
डीईओ ने इस गंभीरता को समझते हुए कहा कि समय पर स्कूल आना शिक्षकों की जिम्मेदारी है और इसमें कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषी शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उन पर अनुशासनात्मक कदम उठाए जाएंगे। शिक्षा विभाग ने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
इस निरीक्षण का उद्देश्य शिक्षकों की उपस्थिति और उनकी कार्यशैली में सुधार लाना है ताकि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जा सके।
यह खबर बिलासपुर जिले के शिक्षा अधिकारी द्वारा किए गए औचक निरीक्षण से संबंधित है। जिला शिक्षा अधिकारी ने गुरुवार को प्रात: 10 बजे विभिन्न शालाओं का निरीक्षण किया और शैक्षणिक व्यवस्था का जायजा लिया। शासकीय हाई स्कूल फरहदा का निरीक्षण करते हुए, प्राचार्या समय पर स्कूल में उपस्थित पाई गईं, लेकिन दो व्याख्याता देर से पहुंचे। इससे यह स्पष्ट होता है कि शिक्षा अधिकारी स्कूलों की कार्यप्रणाली पर नजर रखकर सुधार की दिशा में काम कर रहे हैं।
शिक्षकों के एक दिन का वेतन कटौती: क्या यह निर्णय उचित है?
यह समाचार छत्तीसगढ़ राज्य से संबंधित है, जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा शोकाज नोटिस जारी किया गया। इस नोटिस के तहत, भविष्य में शिक्षकों से समय पर स्कूल में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है।
समाचार के अनुसार, निरीक्षण के दौरान, पूर्व माध्यमिक शाला धनुहार पारा चिल्हाटी में प्रधान पाठक समय पर उपस्थित थे, लेकिन तीन अन्य शिक्षक क्रमशः विलंब से पहुंचे। इस कारण जिला शिक्षा अधिकारी ने इन तीनों शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिया। वहीं, प्राथमिक शाला धनुहार पारा में सभी शिक्षक समय पर उपस्थित पाए गए, जिससे इस स्कूल में कोई कार्रवाई नहीं की गई।
यह घटना यह दर्शाती है कि स्कूलों में समय की पाबंदी पर ध्यान देना और शिक्षक की जिम्मेदारी को गंभीरता से लेना कितना महत्वपूर्ण है।
ज्ञान की ओर पहला कदम: बच्चों के प्रश्न और उनके उत्तर
प्राथमिक शाला चिल्हाटी में बच्चों की पाठ्य दक्षता का मूल्यांकन करने के बारे में है। इस प्रक्रिया के दौरान, जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षकों को निर्देशित किया कि वे बच्चों की शैक्षिक दक्षता में वृद्धि के लिए अतिरिक्त प्रयास करें।
मोपका के प्राथमिक विद्यालय में जिला शिक्षा अधिकारी ने बच्चों से अंग्रेजी, भाषा, गणित और पर्यावरण के विषयों पर प्रश्न पूछे। जिन बच्चों ने संतोषजनक उत्तर दिए, उनके उत्साहवर्धन के लिए उन्होंने ताली बजवाई, जिससे बच्चों का मनोबल बढ़ा।
अंबेडकर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (सेजेश) का आकस्मिक निरीक्षण भी किया गया, जहां शिक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने के लिए सभी स्टाफ के साथ एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मुख्य रूप से बोर्ड परीक्षा के परिणामों को सुधारने के उपायों पर बात की गई।