Bilaspur High Court: हाई कोर्ट का अहम आदेश स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर नशे की बिक्री रोकने के लिए राज्य शासन को उठाने होंगे ठोस कदम

Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने प्रदेश में नशे के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य के चीफ सिकरेट्री को स्पष्ट निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर नशीले पदार्थों की बिक्री किसी भी सूरत में नहीं होनी चाहिए। यह बयान सामाजिक सुधार और युवाओं के भविष्य को सुरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। चीफ जस्टिस का यह निर्देश राज्य प्रशासन के लिए एक कड़ा संदेश है कि नशे के व्यापार और इसके प्रभाव को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जाए।

बिलासपुर में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने राज्य के मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर नशीले पदार्थों या संबंधित सामान की बिक्री किसी भी सूरत में न हो। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोटपा एक्ट (COTPA Act) में दिए गए प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाए। चीफ जस्टिस ने राज्य सरकार से अपेक्षा की है कि वह इस दिशा में ठोस और प्रभावी कदम उठाए, ताकि बच्चों और समाज को नशे की समस्या से बचाया जा सके।

यह विवरण एक याचिका के संदर्भ में है, जिसमें डिवीजन बेंच ने बिलासपुर नगर निगम कमिश्नर से शपथ पत्र के साथ निगम सीमा के भीतर की जा रही रोकथाम कार्रवाई के बारे में जवाब पेश करने का आदेश दिया है। इसके अलावा, याचिका की अगली सुनवाई 27 जनवरी, 2025 को निर्धारित की गई है।

गुरुवार को यह सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस एके प्रसाद की बेंच ने की। पूर्व में दिए गए निर्देशों के तहत, प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी ने महाधिवक्ता कार्यालय के जरिए शपथ पत्र के साथ जवाब पेश किया, जिसमें बताया गया कि प्रदेशभर के स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर कोटपा एक्ट (तंबाकू नियंत्रण अधिनियम) को प्रभावी किया गया है। इसके तहत, स्कूलों के आसपास और सार्वजनिक स्थलों पर तंबाकू व अन्य नशे के पदार्थों की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके साथ ही, स्थानीय प्रशासन को कोटपा एक्ट के प्रावधानों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

यह याचिका सार्वजनिक स्थलों और स्कूलों के आसपास तंबाकू व नशे के पदार्थों की बिक्री पर रोकथाम और उसकी प्रभावशीलता को लेकर है।

निगम आयुक्त को जवाब देने की दिशा-निर्देश जारी

इस मामले में शासन की ओर से पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता ने डिवीजन बेंच को बताया कि कोटपा एक्ट (COTPA Act) के प्रावधानों के तहत पूरे प्रदेश में कठोर कार्रवाई की जा रही है। बिलासपुर जिले में पुलिस प्रशासन और स्थानीय प्रशासन द्वारा साझा अभियान चलाया जा रहा है, ताकि एक्ट के उल्लंघन को रोका जा सके। दुकानदारों के खिलाफ उन प्रावधानों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जा रही है, जिसमें जुर्माना भी लगाया जा रहा है। इसके अलावा, दुकानदारों से यह सुनिश्चित कराया जा रहा है कि वे एक्ट का पालन करें।

महाधिवक्ता के जवाब पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए नगर निगम कमिश्नर को इस पूरे अभियान की निरंतर निगरानी करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि बिलासपुर नगर निगम कमिश्नर शपथ पत्र के साथ जवाब प्रस्तुत करें। इसके अलावा, कोर्ट ने यह सवाल भी उठाया कि नगर निगम क्षेत्र में कोटपा एक्ट के प्रावधानों को किस प्रकार लागू किया जा रहा है।

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