Kendriya Vidyalaya: केंद्रीय विद्यालयों का विस्तार एमपी में 11 नए स्कूल, 25 रुपये में दाखिला और 500 रुपये की फीस


Kendriya Vidyalaya: केंद्र सरकार ने हाल ही में देशभर में 85 नए केंद्रीय विद्यालय और 28 नवोदय विद्यालय खोलने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई है। इस निर्णय के तहत मध्य प्रदेश (MP) को 11 नए केंद्रीय विद्यालय मिलने जा रहे हैं। यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने में मदद मिलेगी।

नए केंद्रीय और नवोदय विद्यालयों के उद्घाटन से न केवल शिक्षा का स्तर ऊंचा होगा, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बच्चों को समान अवसर प्राप्त होंगे। केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों की स्थापना से विद्यार्थियों को एक समग्र और बेहतर शैक्षिक वातावरण मिलेगा, जिसमें पाठ्यक्रम, पाठ्यचर्या और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियाँ शामिल होंगी।

यह कदम मोदी सरकार की शिक्षा नीति को सशक्त बनाने और देशभर में समान शैक्षिक अवसर प्रदान करने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

भारत सरकार द्वारा देशभर में 85 नए केंद्रीय विद्यालय और 28 नवोदय विद्यालय खोले जाएंगे, जो शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल का उद्देश्य शिक्षा के गुणवत्ता में सुधार लाना और हर बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुँचाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर मंजूरी दी है, और इस फैसले के तहत मध्य प्रदेश को भी विशेष सौगात दी गई है। राज्य के 11 जिलों में 11 नए केंद्रीय विद्यालय खोले जाएंगे।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस कदम के पीछे प्रधानमंत्री श्री योजना (PM SHRI) का उद्देश्य है, जिसमें इन नए विद्यालयों को मॉडल विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने 8232 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है, जिससे न केवल इन विद्यालयों का निर्माण होगा, बल्कि उनका संचालन और विकास भी सुनिश्चित होगा।

नई शिक्षा नीति के तहत इन विद्यालयों का प्रमुख उद्देश्य है बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना और उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के योग्य बनाना। इस तरह के कदमों से न केवल शिक्षा का स्तर बढ़ेगा, बल्कि दूर-दराज के क्षेत्रों में भी बच्चों को समान अवसर मिलेंगे।

भोपाल में छात्रों के लिए खुलने जा रहा छठा केंद्रीय विद्यालय

भोपाल के सेंट्रल अकादमी पुलिस ट्रेनिंग, अशोकनगर, उज्जैन के नागदा, मैहर, बालाघाट के तिरोधी, सिवनी के बरघाट, निवाड़ी, छतरपुर के खजुराहो, कटनी के झिंझरी, मुरैना के सबलगढ़ और राजगढ़ के नरसिंहगढ़ में केन्द्रीय विद्यालयों को स्वीकृति मिल गई है। वर्तमान में भोपाल में 5 और मध्यप्रदेश (एमपी) में 115 केवी (केन्द्रीय विद्यालय) हैं। अब भोपाल में इनकी संख्या 6 हो जाएगी। इसके अलावा, रिठाला से नरेला-कुंडली तक 26.462 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर स्वीकृत किया गया है, जो इन क्षेत्रों में यातायात और परिवहन की सुविधा को बढ़ाएगा। यह परियोजना क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और शिक्षा के क्षेत्र में भी सकारात्मक प्रभाव डालेगी।

नई पहल से हजारों स्टूडेंट्स को मिलेगा लाभ, रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे

वैष्णव ने बताया कि केंद्र सरकार नए केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इस योजना के तहत, नए केंद्रीय विद्यालयों पर 5,872 करोड़ रुपए और नवोदय विद्यालयों पर 2,360 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इन नए विद्यालयों से केंद्रीय विद्यालयों में 82,560 छात्रों और नवोदय विद्यालयों में 15,680 छात्रों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा, इस परियोजना से लगभग 6704 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है, जिससे शिक्षा क्षेत्र में न केवल गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। यह कदम भारत में शिक्षा के स्तर को सुधारने और छात्रों के लिए अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

मध्यप्रदेश के शिक्षा सुधार में बड़ा कदम, 11 जिलों में खुलेगा केंद्रीय विद्यालय

अशोकनगर (Madhya Pradesh): अशोकनगर एक ऐतिहासिक शहर है, जो अशोकनगर जिले में स्थित है। यह कृषि और व्यापार के लिए प्रसिद्ध है।

नागदा (उज्जैन) (Nagda, Ujjain): नागदा उज्जैन जिले का एक प्रमुख शहर है, जो उद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यहाँ अनेक औद्योगिक इकाइयाँ हैं, जिनमें कपड़ा उद्योग प्रमुख है।

मैहर (Maihar): यह शहर सतना जिले में स्थित है और अपनी प्रसिद्ध माँ शारदा के मंदिर के लिए जाना जाता है। यह धार्मिक और पर्यटन स्थल है।

तिरोड़ी (बालाघाट) (Tirora, Balaghat): तिरोड़ी बालाघाट जिले का एक छोटा शहर है, जो कृषि और खनिज संसाधनों के लिए जाना जाता है।

झिंझरी (कटनी) (Jhinjhari, Katni): यह कटनी जिले का एक छोटा सा गांव है, जो विशेष रूप से कृषि पर निर्भर है।

निवाड़ी (Niwadi): निवाड़ी एक छोटा शहर है, जो टीकमगढ़ जिले के पास स्थित है। यह मुख्यतः कृषि उत्पादों के लिए जाना जाता है।

बरघाट (सिवनी) (Barghat, Seoni): यह सिवनी जिले का एक प्रमुख शहर है और पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यहाँ कई वन्यजीव अभयारण्यों का अस्तित्व है।

खजुराहो (छतरपुर) (Khajuraho, Chhatarpur): खजुराहो विश्व धरोहर स्थल है और अपने प्राचीन मंदिरों और मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। यह छतरपुर जिले में स्थित है।

सबलगढ़ (मुरैना) (Sabalgarh, Morena): यह मुरैना जिले का एक कस्बा है, जो ऐतिहासिक महत्व रखता है। यहाँ कई किले और प्राचीन संरचनाएँ हैं।

सीएपीटी (सेंट्रल एकेडमी पुलिस ट्रेनिंग) (CAPT, Central Academy Police Training): यह एक पुलिस प्रशिक्षण अकादमी है, जो मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों में स्थित हो सकती है।

कान्हासैया (भोपाल) (Kanhasaiya, Bhopal): यह भोपाल के पास स्थित एक छोटा सा गांव है, जो ग्रामीण जीवन और कृषि के लिए जाना जाता है।

नरसिंहगढ़ (राजगढ़) (Narsinghgarh, Rajgarh): यह राजगढ़ जिले में स्थित एक छोटा सा कस्बा है, जो अपने ऐतिहासिक किलों और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।

सांसद वीडी शर्मा की पहल से शुरू होंगे दो नए केवी स्कूल

मध्य प्रदेश (MP) के लिए मंजूर किए गए 11 केंद्रीय विद्यालयों में से दो केंद्रीय विद्यालय बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के खजुराहो संसदीय क्षेत्र, झिंझरी (कटनी) और खजुराहो (छतरपुर) में भी खोले जाएंगे।

यह कदम केंद्रीय सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने और छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने की दिशा में उठाया गया है। इन नए केंद्रीय विद्यालयों के उद्घाटन से स्थानीय छात्रों को बेहतर शिक्षा की सुविधाएं मिलेंगी, जिससे उन्हें राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा के बराबर अवसर प्राप्त होंगे।

केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना से इस क्षेत्र के विकास में भी योगदान होगा, क्योंकि यह विद्यालय स्थानीय समुदायों में रोजगार के अवसर प्रदान करेंगे और शैक्षिक वातावरण को प्रोत्साहित करेंगे। साथ ही, इन विद्यालयों का उद्घाटन आने वाले वर्षों में खजुराहो और आसपास के क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को सुधारने में सहायक साबित होगा।

यह कदम शिक्षा क्षेत्र में सुधार के अलावा बीजेपी की राजनीतिक रणनीति का भी हिस्सा हो सकता है, क्योंकि यह क्षेत्र बीजेपी के प्रभाव क्षेत्र में आता है।

केंद्रीय मंत्री सिंधिया और खटीक को मिली बड़ी राहत, संसदीय क्षेत्र में हुआ अहम निर्णय

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के क्षेत्र अशोकनगर और केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक के संसदीय क्षेत्र निवाड़ी में केंद्रीय विद्यालय (Kendriya Vidyalaya) खोले जाएंगे। यह कदम उन क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने और विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षिक अवसर प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक, जो कि निवाड़ी क्षेत्र से सांसद हैं, लंबे समय से इस क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए प्रयासरत थे। उनकी यह मेहनत अब रंग लाई है, और केंद्रीय विद्यालय के उद्घाटन से स्थानीय बच्चों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त करने का एक नया अवसर मिलेगा।

इस कदम से न केवल बच्चों को बेहतर शिक्षा का लाभ मिलेगा, बल्कि स्थानीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि केंद्रीय विद्यालय में शिक्षा की सुविधाएं और माहौल छात्रों के समग्र विकास में सहायक होते हैं।

हर महीने केवल ₹500 फीस में कक्षा 1 से 12वीं तक की शिक्षा की सुविधा

केंद्रीय विद्यालय (Kendriya Vidyalaya) में कक्षा 1 से 12वीं तक के स्टूडेंट्स की फीस काफी किफायती होती है। छात्रों को हर महीने केवल 500 रुपए की फीस चुकानी होती है, जो कि एक बहुत ही न्यूनतम राशि है। इसके अलावा, किसी भी कक्षा में एडमिशन लेने के लिए केवल 25 रुपए की एडमिशन फीस होती है और री-एडमिशन के लिए 100 रुपए का शुल्क लिया जाता है।

कक्षा 3 से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए कंप्यूटर फंड की फीस 100 रुपए है। वहीं, कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए कंप्यूटर साइंस की फीस 150 रुपए निर्धारित की गई है। हालांकि, समय-समय पर इन फीस में मामूली बढ़ोतरी भी की जा सकती है, लेकिन यह शुल्क फिर भी अन्य स्कूलों के मुकाबले काफी कम और किफायती होते हैं, जिससे केंद्रीय विद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में एक आदर्श उदाहरण बनते हैं।

सीएम ने पीएम मोदी के समर्थन के लिए किया धन्यवाद

मध्य प्रदेश को 11 केंद्रीय विद्यालयों की सौगात मिलने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आभार व्यक्त किया है। सीएम मोहन यादव ने यह आभार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट के माध्यम से व्यक्त किया। उनके अनुसार, ये केंद्रीय विद्यालय राज्य में शिक्षा के स्तर को और ऊंचा उठाने में मददगार साबित होंगे और छात्रों के लिए बेहतर अवसर प्रदान करेंगे। इस कदम से राज्य में शिक्षा व्यवस्था को और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।

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