CG News: 231 करोड़ की लागत से बनेगा 700 बेड वाला अस्पताल, स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार की दिशा में बड़ा कदम

CG News: यह अस्पताल प्रदेश का सबसे बड़ा रेफरल सेंटर है, जिसका मतलब है कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से गंभीर रूप से बीमार मरीज यहां इलाज के लिए भेजे जाते हैं। इस अस्पताल में विभिन्न प्रकार के सुपर स्पेश्यालिटी विभागों का संचालन होता है, लेकिन जबसे डीकेएस अस्पताल में इन विभागों को शिफ्ट किया गया है, तबसे आंबेडकर अस्पताल और डीकेएस अस्पताल दोनों में बेड की भारी कमी बनी हुई है। यह कमी मरीजों को सही समय पर इलाज मिलने में रुकावट डाल सकती है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ रहा है।

आंबेडकर अस्पताल में 700 बेड की अतिरिक्त बिल्डिंग मरीजों के लिए संजीवनी बनने वाली है। यह कदम मरीजों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। सीजीएमएससी (Chhattisgarh Medical Services Corporation) ने शुक्रवार को इस बिल्डिंग के निर्माण के लिए 231 करोड़ रुपए का ई-टेंडर जारी किया है। इस अस्पताल बिल्डिंग के बनने से आंबेडकर अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।

नई बिल्डिंग के निर्माण में करीब दो साल का समय लगने की संभावना है, और इसके पूरा होने पर अस्पताल की क्षमता में बढ़ोतरी होगी, जिससे मरीजों को अधिक बिस्तर और बेहतर इलाज की सुविधा मिल सकेगी। इस परियोजना से अस्पताल की बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, जिससे छत्तीसगढ़ राज्य के लोगों को स्वास्थ्य सेवा में बड़ी राहत मिलेगी।

ऑब्स एंड गायनी और पीडियाट्रिक्स विभाग इसी बिल्डिंग में स्थित होंगे। इससे मुख्य अस्पताल में लगभग 250 बेड खाली होंगे, जिन्हें मेडिसिन, साइकेट्री और अन्य विभागों के लिए उपयोग किया जा सकेगा। इस बदलाव के बाद अस्पताल में बेड की कुल संख्या 1252 से बढ़कर 1952 हो जाएगी।

इंटीग्रेटेड अस्पताल मरीजों के लिए सुविधाजनक और प्रभावी समाधान

नई बिल्डिंग का डिजाइन पहले ही तैयार किया जा चुका था और पत्रिका के पास इस बिल्डिंग का पूरा डिज़ाइन उपलब्ध है। इस परियोजना के तहत 11 मंजिला बिल्डिंग के निर्माण के लिए 776 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है। यह बिल्डिंग आंबेडकर अस्पताल यूनिट-दो की तरह काम करेगी और इसे “इंटीग्रेटेड अस्पताल” का नाम दिया गया है।

नई बिल्डिंग में मरीजों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिनमें रैंप और लिफ्ट की व्यवस्था भी शामिल होगी। इसके अतिरिक्त, इस बिल्डिंग में एक चाइल्ड मेटरनिटी अस्पताल भी होगा, जिससे पूरा ऑब्स एंड गायनी (गाइनकोलॉजी) और पीडियाट्रिक (बाल रोग) विभाग यहां शिफ्ट कर दिया जाएगा।

इस अस्पताल के लिए केंद्र सरकार ने पहले ही 25 करोड़ रुपए का फंड जारी किया है। इसके डिज़ाइन में विशेष ध्यान इस बात पर दिया गया है कि गायनी और पीडियाट्रिक विभाग एक-दूसरे के पास स्थित हों, ताकि डिलीवरी और नवजात शिशु के इलाज में बेहतर समन्वय और सुविधा हो सके। इस कदम से मरीजों को उन्नत और समर्पित स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।

मेडिसिन, गायनी और न्यूरोलॉजी के मरीजों के लिए बढ़ती स्वास्थ्य समस्याएँ

डीकेएस अस्पताल में सुपर स्पेशलिटी विभाग शिफ्ट किए जाने के बावजूद आंबेडकर अस्पताल और डीकेएस में बेड की कमी बनी हुई है। इसका मुख्य कारण यह है कि डीकेएस अस्पताल का विस्तार अभी संभव नहीं हो पा रहा है। हालांकि, पेइंग वार्ड को अब जनरल मरीजों के लिए खोला जा रहा है, लेकिन आंबेडकर अस्पताल में विशेष रूप से मेडिसिन और गायनी विभागों में बेड की कमी बनी रहती है।

चूंकि यह अस्पताल प्रदेश का सबसे बड़ा रेफरल सेंटर है, इसलिए यहां प्रदेशभर से मरीज रेफर होकर आते हैं, जिससे बेड की कमी हो जाती है। प्रतिदिन एम्स से 20 से अधिक मरीज यहां रेफर किए जाते हैं, साथ ही निजी अस्पतालों से भी मरीज भेजे जाते हैं। लेकिन, नई बिल्डिंग के निर्माण के बाद यह समस्या समाप्त होने की उम्मीद जताई जा रही है।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाना उनकी पहली प्राथमिकता है। नई बिल्डिंग के निर्माण से प्रदेशभर से आने वाले मरीजों को बेहतर सुविधा मिलेगी, और बेड की कमी भी दूर हो जाएगी। इसके साथ ही यह अस्पताल प्रदेश का सबसे बड़ा सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल बन जाएगा।

सरकार ने जीपीएम के लिए 43 करोड़ रुपये देने का किया ऐलान

छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के मरवाही में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के लिए 3 करोड़ रुपये और जिला अस्पताल के लिए 35 करोड़ रुपये की घोषणा की। इसके अलावा, मंत्री ने 43.10 करोड़ रुपये की लागत से 37 स्वास्थ्य कार्यों का लोकार्पण और भूमि पूजन भी किया।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि जिले में अगले एक साल के भीतर 12 विशेषज्ञ डॉक्टरों की पोस्टिंग की गई है, जो जिले के स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने में सहायक होंगे। इन कदमों से क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी और स्वास्थ्य सेवा का स्तर ऊंचा हो सकेगा।

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