CG NEWS: दंतेवाड़ा देश का पहला वन मंदिर, जहां प्रकृति और आस्था का संगम होता है

CG NEWS: दंतेवाड़ा देश का पहला वन मंदिर, जहां प्रकृति और आस्था का संगम होता हैदंतेवाड़ा मुख्यालय से 4 किलोमीटर दूर टेकनार में छत्तीसगढ़ का पहला वन मंदिर बनाया गया है। यह मंदिर जंगल और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। अब, इस मंदिर की देखरेख और मेंटेनें

स वन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है, क्योंकि यह क्षेत्र वन्यजीवों और प्राकृतिक संसाधनों से घिरा हुआ है। वन विभाग को मंदिर की सुरक्षा, सफाई और समुचित रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त संसाधन और निगरानी की आवश्यकता है, ताकि इसे पर्यावरणीय दृष्टिकोण से सुरक्षित और स्थिर रखा जा सके।

दंतेवाड़ा मुख्यालय से 4 किलोमीटर दूर स्थित टेकनार में छत्तीसगढ़ का पहला वन मंदिर स्थापित किया गया है। यह मंदिर जंगल और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाया गया है। यह एक अनूठी पहल है, जिसका उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों और वन्यजीवों के संरक्षण की दिशा में योगदान देना है।

हालांकि, इस मंदिर की देखरेख और रखरखाव वन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है, क्योंकि यह क्षेत्र वन्यजीवों और प्राकृतिक संसाधनों से घिरा हुआ है। वन विभाग को मंदिर की सुरक्षा, सफाई और समुचित रखरखाव के लिए अतिरिक्त संसाधनों और निगरानी की आवश्यकता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मंदिर पर्यावरणीय दृष्टिकोण से सुरक्षित और स्थिर बना रहे, ताकि यह परियोजना अपने उद्देश्य को पूरा कर सके।

यह पार्क, जिसका उद्घाटन अभी तक नहीं हुआ है, लेकिन फिर भी इसे देखने के लिए शहरवासियों की भीड़ उमड़ रही है। यह पार्क अपने आप में कई अद्वितीय खूबियों से सुसज्जित है, जो नक्षत्र, योग और औषधि के महत्व के संगम से लोगों को जोड़ने का कार्य करेगा। यहां की विशेषताओं से न केवल स्थानीय लोग लाभान्वित होंगे, बल्कि आने वाले समय में यह स्थान सैलानियों के आकर्षण का भी केंद्र बन सकता है। इस पार्क में प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ शांति और ध्यान की आदान-प्रदान की संभावनाएं हैं, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देंगी।

बढ़ती मेंटेनेंस चुनौतियाँ वन विभाग कैसे करेगा सामना

यह बात गौरतलब है कि प्रदेश सरकार दक्षिण बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है, लेकिन जिला मुख्यालय में माता दंतेश्वरी मंदिर दर्शन के अलावा ऐसा कोई अन्य केंद्र नहीं है जहाँ सैलानी अपने परिवार और बच्चों के साथ कुछ समय बिता सकें। ऐसे में, इस इलाके के लिए यह पार्क एक उत्तम विकल्प बन सकता है, जो सैलानियों को न केवल प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने का अवसर देगा, बल्कि उन्हें एक शांति और सुकून भरे वातावरण में समय बिताने का भी मौका मिलेगा।

यह पार्क एक अद्भुत स्थल है जहां सामान्य जन और विद्यार्थियों के लिए बहुत कुछ देखने और जानने को है। यह सचमुच पूरे देश और बस्तर का इकलौता पार्क है। यहाँ पर विभिन्न नक्षत्रों से जुड़े पौधे लगाए गए हैं, जो न केवल प्राकृतिक सौंदर्य प्रदान करते हैं, बल्कि ज्ञानवर्धक भी हैं। इसके साथ ही, योग से संबंधित कई निर्माण भी यहाँ किए गए हैं, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करते हैं। इस पार्क में औषधियों के बारे में भी जानकारी दी जाती है, जिससे लोग प्राकृतिक उपचार और औषधियों के महत्व को समझ सकते हैं। हालांकि, इसका मेंटेनेंस अब वन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है, लेकिन यह पार्क क्षेत्रवासियों और पर्यटकों के लिए एक अनमोल धरोहर साबित हो सकता है।

सात जोन का विकास हर क्षेत्र का अपना महत्व

यह पार्क एक अद्भुत और विविध अनुभव प्रदान करता है, जिसे सात अलग-अलग जोन में बांटा गया है। इनमें आरोग्य वन, नवग्रह, नक्षत्र, राशि, पंचवटी, सप्तऋषि और रॉक गार्डन शामिल हैं। आरोग्य वन में मानव जनित बीमारियों के उपचार में काम आने वाली औषधियों का अद्भुत संगम देखने को मिलता है, जहां विभिन्न औषधीय पौधों की प्रजातियाँ हैं जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाती हैं।

नवग्रह, नक्षत्र और राशि के क्षेत्रों में खगोलशास्त्र और ज्योतिष से जुड़ी विशेषताएँ देखने को मिलती हैं, जो आस्था और वैज्ञानिकता का सुंदर मिश्रण प्रस्तुत करती हैं। पंचवटी में पांच प्रकार के पवित्र वृक्षों का संग्रह है, जो भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखते हैं। सप्तऋषि में सात महान ऋषियों की याद में पेड़-पौधे लगाए गए हैं, जबकि रॉक गार्डन में प्राकृतिक सुंदरता और कलात्मकता का अद्भुत संयोजन है। यह पार्क न केवल पर्यटकों को आकर्षित करता है, बल्कि यह मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए भी एक अद्भुत स्थान है।

यह एक अद्भुत और विस्तृत योग शास्त्र का संग्रह है जिसमें न केवल योगासन की व्यवस्था की गई है, बल्कि साथ ही सभी नक्षत्रों, ग्रहों, और सप्तऋषियों के बारे में भी बेहतरीन जानकारी प्रदान की गई है। प्रत्येक नक्षत्र, ग्रह और सप्तऋषि के प्रतीक चित्रों के साथ उन्हें समझाने की कोशिश की गई है। यह जानकारी सरल और प्रभावी भाषा में हिंदी और अंग्रेजी दोनों में बोर्ड के रूप में प्रस्तुत की गई है, ताकि हर व्यक्ति आसानी से समझ सके।

इसके अलावा, मुख्य वृक्षों के प्रतीकों को भी चित्रों के साथ दर्शाया गया है, जिससे उनका महत्व और उनका प्रभाव आसानी से समझा जा सके। यह योग और खगोलशास्त्र का एक संपूर्ण संकलन है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है।

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