CG NEWS: छत्तीसगढ़ में ठंड का प्रकोप तेज, जानें अगले दिनों का मौसम पूर्वानुमान

CG NEWS: छत्तीसगढ़ में हाल ही में मौसम साफ हो गया है और इसके साथ ही ठंड का असर बढ़ने लगा है। पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में बादल थे, जिसके कारण ठंड का असर कम था। लेकिन अब मौसम साफ होते ही तापमान में गिरावट आने लगी है। न्यूनतम तापमान में लगभग पांच डिग्री तक कमी आई है, जिससे ठंड का अहसास तेज हो गया है। विशेष रूप से आउटर क्षेत्रों में ठंडी और शुष्क हवाओं की वजह से ठिठुरन महसूस होने लगी है। ओस की बूंदे भी जमने लगी हैं, जिससे ठंड और बढ़ गई है। गौरेला पेंड्रा मरवाही में भी कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है।

मौसम में यह बदलाव ठंडी और शुष्क हवाओं के प्रभाव से आया है, जो अब अपने असर दिखाने लगे हैं। इन दिनों आउटर इलाकों में ठंड बढ़ने के साथ घना कोहरा और ओस की बूंदों का जमना भी देखा जा रहा है। गर्म कपड़े और अलाव ही लोगों का सहारा बने हुए हैं। मौसम विभाग के अनुसार, आगामी पांच दिनों तक मौसम शुष्क रहने की संभावना जताई जा रही है। बीते दिनों की तुलना में न्यूनतम तापमान में तीन से छह डिग्री तक गिरावट आई है। बुधवार को तापमान एक से तीन डिग्री तक गिर सकता है, और इसके बाद भी कोई खास बदलाव नहीं होगा।

इस बदलाव से साफ है कि आने वाले दिनों में कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है, जिससे लोगों को सर्दियों के लिए तैयार रहना होगा।

मौसम एक्सपर्ट्स ने जानकारी दी कि प्रदेश में ठंडी और शुष्क हवाओं का प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण प्रदेश के आउटर इलाकों में ठिठुरन का अहसास होने लगा है। इसके साथ ही, बाकी इलाकों में कड़ाके की ठंड का सामना किया जा रहा है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, ठंडी और शुष्क हवाओं की वजह से प्रदेश में न्यूनतम तापमान में गिरावट का सिलसिला जारी रहेगा।

प्रदेश के विभिन्न इलाकों में तापमान में बदलाव देखा गया। अंबिकापुर और बलरामपुर जैसे क्षेत्रों में सबसे ठंडा मौसम रहा, जहां न्यूनतम तापमान 9.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, बीजापुर में अधिकतम तापमान 30.7 डिग्री सेल्सियस रहा, जो अपेक्षाकृत गर्म था। दुर्ग में न्यूनतम तापमान 12.4 डिग्री था, जो सामान्य से 1.3 डिग्री कम था। पेंड्रा रोड में भी तापमान में गिरावट आई और यह 1.5 डिग्री कम रहा। रायपुर, बिलासपुर और जगदलपुर में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक दर्ज किया गया है।

इस प्रकार, पूरे प्रदेश में ठंडी हवाओं और न्यूनतम तापमान में गिरावट के कारण ठंड का प्रकोप बढ़ने की संभावना बनी हुई है।

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