Budget 2025 :  CII का प्री बजट मीटिंग में सुझाव, कंज्यूमर वाउचर बांटने से बढ़ेगी मांग

Budget 2025 :  बजट 2025-26 को लेकर वित्त मंत्रालय और उद्योग संगठनों के बीच बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। इन बैठकों में विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र के मुद्दों और मांगों को वित्त मंत्रालय के सामने रख रहे हैं, ताकि आगामी बजट में उनकी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए फैसले लिए जा सकें। इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह है कि सरकार की नीति उद्योग के विकास को गति दे सके और आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद कर सके।

इसी कड़ी में एक महत्वपूर्ण बैठक में उद्योग संगठनों ने वित्त मंत्रालय के सामने अपनी प्रमुख मांग रखी। उनका कहना है कि व्यक्तिगत आयकर पर जो स्लैब लागू किए जाते हैं, उसमें सबसे उच्चतम स्लैब को 25 प्रतिशत से ज्यादा नहीं बढ़ाया जाना चाहिए। इस मांग को लेकर उद्योगों का तर्क है कि यदि उच्चतम आयकर स्लैब बढ़ा दिया जाता है, तो इससे व्यापारिक और व्यक्तिगत वित्तीय निर्णयों पर नकारात्मक असर पड़ेगा। उद्योगों का मानना है कि टैक्स स्लैब में किसी भी प्रकार का अत्यधिक वृद्धि न केवल करदाताओं पर अतिरिक्त बोझ डालती है, बल्कि यह निवेश और बचत की प्रवृत्तियों को भी प्रभावित कर सकती है।

सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में उद्योग संगठनों ने यह भी सुझाव दिया कि उच्चतम आयकर स्लैब को स्थिर रखने से लोगों में निवेश की प्रवृत्तियां बढ़ सकती हैं, जो अंततः देश की अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद साबित होगी। उद्योग संगठन चाहते हैं कि सरकार टैक्स स्लैब के मामले में संतुलन बनाए रखे, ताकि व्यवसाय और व्यक्तिगत करदाताओं को सुकून मिले और वे अधिकतम वित्तीय स्थिरता की ओर बढ़ सकें।

यह बैठक वित्त मंत्रालय के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे सरकार को यह समझने में मदद मिलेगी कि विभिन्न उद्योगों और करदाताओं के बीच टैक्स नीति को लेकर क्या राय है। इसके आधार पर सरकार आगामी बजट में संशोधन कर सकती है, जिससे उद्योगों और आम लोगों को बेहतर वित्तीय वातावरण मिल सके।

Leave a Comment