Dhan Kharidi: महासमुंद जिले के 182 उपार्जन केंद्रों में से 102 केंद्रों पर बफर लिमिट से अधिक धान का भंडारण हो गया है। बफर लिमिट वह सीमा है, जिसे पार करने पर भंडारण की स्थिति चिंताजनक हो सकती है। अब धान की आवक में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है, जिससे इन केंद्रों पर धान के भंडारण की समस्या और बढ़ सकती है। यह स्थिति प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है, क्योंकि अधिक भंडारण से केंद्रों पर भीड़ बढ़ने और उचित तरीके से भंडारण की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
यह विवरण छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के धान उपार्जन केंद्रों की स्थिति के बारे में है। जिले में 182 उपार्जन केंद्रों में से 102 केंद्रों में बफर लिमिट से अधिक धान जमा हो गया है, जिसके कारण खरीदी प्रक्रिया में दिक्कतें आ सकती हैं। अब धान की आवक बढ़ने लगी है, लेकिन यदि कुछ दिनों तक यही स्थिति बनी रही, तो धान खरीदी की व्यवस्था बिगड़ सकती है। इस स्थिति से निपटने के लिए समितियों ने समय पर धान उठाव करने की मांग की है, ताकि केंद्रों में धान की अधिकता न बढ़े और खरीदी सुचारू रूप से चल सके।
बड़ी समितियों में प्रबंधन की जटिलताएँ
जिले में कुल 1 लाख 63 हजार किसान पंजीकृत हैं। 14 नवंबर तक 38 हजार 275 किसानों से 18 लाख 57 हजार 718 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। जैसे-जैसे कटाई और मिंजाई की प्रक्रिया तेज हो रही है, वैसे-वैसे धान की आवक भी बढ़ रही है। बागबाहरा ब्लॉक में सबसे अधिक धान खरीदी हुई है, जहां 9147 किसानों से 4 लाख 52 हजार 284 क्विंटल धान खरीदी गई है।
फिलहाल, धान का उठाव सबसे बड़ी समस्या बनकर सामने आई है, खासकर जब बड़े किस्म के धान की आवक शुरू होगी। कुछ दिन पहले मौसम खराब होने के कारण समिति कर्मचारियों को धान को सुरक्षित रखने में परेशानी का सामना करना पड़ा था। अब दिसंबर में उपार्जन केंद्रों पर बड़ी संख्या में किसान धान बेचने के लिए पहुंचेंगे, जिसके कारण केंद्रों पर जगह की कमी हो सकती है। जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी अविनाश शर्मा के अनुसार, 38 हजार किसान धान बेच चुके हैं और 102 केंद्रों पर बफर लिमिट से अधिक धान एकत्रित हो चुका है। जिला विपणन अधिकारी टिकेन्द्र राठौर ने बताया कि बुधवार से धान उठाव का कार्य शुरू हो गया है।
बफर लिमिट से अधिक धान की आवक 102 केन्द्रों में असंतुलन की स्थिति
3 दिसम्बर को स्टॉक से अधिक अवैध भंडारण और अंतर्राष्ट्रीय 4 प्रकरणों पर कार्रवाई की गई। इसमें कुल 181 बोरा (72.4 क्विंटल) धान जब्त किया गया। जिला खाद्य अधिकारी ने बताया कि राजस्व, मंडी, और खाद्य विभाग द्वारा जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के दौरान अवैध धान परिवहन के खिलाफ 9 नवम्बर से निरंतर कार्रवाई की जा रही है।
अब तक 3 दिसम्बर तक कुल 76 प्रकरणों पर कार्रवाई की गई है, जिसमें 3 प्रकरण अंतर्राज्यीय और 73 प्रकरण राज्यीय हैं। इस कार्रवाई में 14168 बोरा धान (5653.60 क्विंटल) जब्त किया गया है। साथ ही, अवैध धान परिवहन में शामिल 6 वाहनों को भी जब्त किया गया है। सीमावर्ती इलाकों में बनाई गई जांच चौकियों पर अवैध धान की निगरानी जारी है।
धान खरीदी पर नज़र 2024 में किसानों को मिलेगा कितना लाभ
बागबाहरा: 9147 किसानों से 45,22,84,000 रुपए
पिथौरा: 6982 किसानों से 36,15,67,000 रुपए
बसना: 5834 किसानों से 27,57,21,000 रुपए
महासमुंद: 8849 किसानों से 41,87,51,000 रुपए
सरायपाली: 7633 किसानों से 37,42,98,000 रुपए
धान की तस्करी में बड़ा खुलासा, 76 मामलों में 5653 क्विंटल धान जब्त
यह लेख जिले के पंजीकृत किसानों के लिए ऋण वितरण और धान खरीदी से संबंधित जानकारी प्रदान करता है। लेख के अनुसार, खरीफ फसल के लिए 82 हजार 110 किसानों को 426 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया था और अब ऋण वसूली की प्रक्रिया चल रही है। लिकिंग के माध्यम से 95 करोड़ 11 लाख रुपये का ऋण वसूला जा चुका है, और शेष ऋण वसूली भी इसी प्रक्रिया के माध्यम से पूरी की जाएगी। रबी सीजन के लिए भी किसानों को ऋण वितरित किया गया है।
इसके अलावा, जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने कलेक्टर और डीएमओ को आवेदन सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि फड़ों में बफर लिमिट से अधिक धान जमा हो गया है और जगह की कमी के कारण धान की खरीदी संभव नहीं हो पा रही है। संघ ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर सात दिन के भीतर धान का परिवहन नहीं किया गया, तो जिले के उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी बंद करनी पड़ेगी।
यह लेख कृषि क्षेत्र में चल रही ऋण वसूली प्रक्रिया और उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी की समस्या को दर्शाता है।