CG NEWS: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। ोंने कहा कि आचार्य श्री का ब्रह्मलीन होना देश और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। श्ाह ने आचार्य श्री के जीवन को मानवता की सेवा का आदर्श बताते हुए कहा कि उन्होंने अपनी अंतिम सांस तक मानवता के कल्याण को प्राथमिकता दी। आचार्री ने एक आचार्य, योगी, चिंतक, दार्शनिक और समाजसेवी के रूप में समाज का मार्गदर्शन किया। उनका जआने वाली पीढ़ियों के लिए ध्रुवतारे की तरह मार्गदर्शक रहेगा।
आचार्य विद्यासागर जी महाराज का जन्म 10 अक् 1946 को कर्नाटक के बेलगाम जिले के सदलगा गांव में हुआ था। उन्होंने 22 वर्ष की आयु दीक्षा ली और 26 वर्ष की आयु में आचार्य पद प्राप्त किया। आचार्य श्री ने शिक स्वास्थ्य और गरीबों के कल्याण के लिए अनेक कार्य किए। उन्होंने कई भाषाओं में साहित्य की रचना की और समाज तिक मूल्यों के प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेआचार्य श्री के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि आचार्यी के साथ बिताए गए समय को वह कभी नहीं भूल सकते। प्रधानमंत्री ने आचार्य श्री के साथ अपनी मुलाकातों को याद करते हुए उन्हें एक महान संत मानवता के सच्चे उपा रूप में वर्णित किया।
आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंदिरि तीर्थ में सल्लेखना पूर्वक देह त्याग किया। उनकी अंतिम यात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। आचार्य श्री का जीवन और उनकी शिक्षाएं सदैव समाज को प्रेरित करती रहेंगी।