CG NEWS: धान बेचने किसानों को मिला एक और सुनहरा मौका शासन ने जारी किया नया आदेश

CG NEWS: यह वाक्य एक समाचार या रिपोर्ट का हिस्सा प्रतीत होता है, जिसमें यह बताया जा रहा है कि किसानों में आक्रोश फैल गया है क्योंकि निर्धारित तिथि तक भी उनकी धान खरीदी के संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। इसके कारण वे लगातार शासन और प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के प्रयास कर रहे हैं।

पूरे वाक्य का अर्थ इस प्रकार है: धान खरीदी की निर्धारित तिथि समाप्त होने के निकट पहुंचने के बावजूद सरकार या प्रशासन की ओर से इस संबंध में कोई ठोस आदेश जारी नहीं हुआ था। इस स्थिति के चलते किसानों में गहरी नाराजगी और आक्रोश उत्पन्न हो गया था, और वे शासन-प्रशासन से अपनी समस्याओं का समाधान करवाने के लिए लगातार उन्हें जागरूक कर रहे थे।

किसानों के लिए एक राहत की खबर सामने आई है। शासन ने उन किसानों के लिए अतिरिक्त टोकन प्रदान करने का निर्णय लिया है, जो निर्धारित टोकनों में किसी कारणवश अपना धान नहीं बेच पाए थे। यह आदेश खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव अन्बलगन पी द्वारा बुधवार को जारी किया गया। इस निर्णय से उन किसानों को राहत मिलेगी, जिन्होंने धान खरीदारी की निर्धारित तिथि समाप्त होने के बाद भी इसे बेचने में कोई समस्या महसूस की थी।

आदेश जारी होने से पहले, किसानों में आक्रोश था क्योंकि वे बार-बार शासन और प्रशासन का ध्यान इस ओर आकर्षित कर रहे थे, लेकिन उचित समय पर आदेश नहीं आया था। अब, शासन ने इन किसानों के लिए एक और अतिरिक्त टोकन देने का निर्णय लिया है, ताकि वे अपना बचत धान बेच सकें और कोई नुकसान न हो।

इस परिपत्र में अन्बलगन ने प्रदेश के सभी जिलाधीशों को निर्देशित किया है कि वे टोकन और रकबा समर्पण से संबंधित समस्याओं के समाधान हेतु प्राप्त आवेदन का समुचित परीक्षण करें। 25 जनवरी तक पंजीकृत किसानों द्वारा भेजे गए आवेदन के आधार पर, यदि कोई समस्या सामने आती है तो खाद्य नियंत्रक या खाद्य अधिकारी माड्यूल के जरिए एक अतिरिक्त टोकन जारी कर सकते हैं। इसके अलावा, यदि रकबा समर्पण में कोई त्रुटि पाई जाती है, तो उस रकबे को फिर से रिस्टोर करके, पात्र किसानों से धान लिया जा सकता है।

यह परिपत्र एक प्रशासनिक आदेश का हिस्सा प्रतीत होता है, जिसमें धान विक्रय से जुड़ी कुछ प्रक्रियाओं को लेकर निर्देश दिए गए हैं। इसके अंतर्गत त्रुटिपूर्ण टोकन के जारी होने की स्थिति में टोकन निरस्तीकरण और नया टोकन जारी करने की प्रक्रिया को स्थापित किया गया है। इसके अलावा, लंबित आवेदनों के समाधान के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई गई है और जिलाधीश की अनुमोदन के बाद खाद्य नियंत्रक माड्यूल के माध्यम से यह सुविधा उपलब्ध कराने की बात की गई है। एनआईसी (नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर) को भी साफ्टवेयर में जरूरी सुधार और प्रावधान जल्द लागू करने के लिए कहा गया है, ताकि यह कार्यवाही शीघ्र और प्रभावी तरीके से की जा सके।

इस परिपत्र का उद्देश्य धान विक्रय प्रक्रिया को सही तरीके से लागू करना और उसमें आने वाली बाधाओं का समाधान करना है।

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