CG NEWS: रेलवे ट्रैक पार करना न केवल आपकी जान को जोखिम में डालता है, बल्कि यह एक दंडनीय अपराध भी है। इसके लिए छह माह तक की जेल या ₹1000 तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। रेलवे सुरक्षा नियमों का पालन अनिवार्य है, लेकिन कई बार ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां निर्दोष लोगों पर जबरदस्ती प्रकरण बनाए जाते हैं, जिससे न्याय प्रक्रिया पर सवाल उठते हैं।
रेलवे सुरक्षा बल (RPF) द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़ों में भी यही स्थिति देखने को मिलती है। कई मामलों में वास्तविकता कुछ और होती है, लेकिन लक्ष्य पूरा करने के नाम पर कार्रवाई की जाती है।
2024 में रेलवे सुरक्षा बल की कार्रवाई
वर्ष 2024 में रेलवे सुरक्षा बल, रायगढ़ एवं रायपुर ने 1283 अनाधिकृत प्रवेश, न्यूसेन्स और अवैध वेंडिंग से जुड़े मामलों में 3063 व्यक्तियों पर कार्रवाई की। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत पूरे क्षेत्र में 28,419 लोगों पर विभिन्न उल्लंघनों के लिए कार्यवाही की गई।
लेकिन जब इन मामलों की गहराई से जांच की जाती है, तो कई बार यह स्पष्ट होता है कि कई निर्दोष लोगों को भी इसमें शामिल कर दिया गया। यह दोहरा मापदंड न केवल रेलवे प्रशासन की छवि पर असर डालता है बल्कि लोगों के बीच आक्रोश भी बढ़ा सकता है।
अगर रेलवे प्रशासन को सही मायनों में नियमों का पालन करवाना है, तो उसे निष्पक्षता बरतनी होगी और बिना किसी दबाव या लक्ष्य प्राप्ति के लिए निर्दोषों पर कार्रवाई से बचना होगा। अन्यथा, जनता का विश्वास रेलवे प्रशासन से उठ सकता है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।