CG NEWS: महापौर पद के लिए 107 उम्मीदवारों का नामांकन आज नाम वापसी का आखिरी दिन

CG NEWS: छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियाँ जोर-शोर से चल रही हैं। नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी (जांच) पूरी हो चुकी है और इसके बाद चुनावी मैदान में उतरे उम्मीदवारों की संख्या अब स्पष्ट हो गई है। राज्य के 10 नगर निगमों में महापौर पद के लिए कुल 107 उम्मीदवार चुनावी मुकाबले में हैं।

स्क्रूटनी के दौरान कुछ नामांकनों को रद्द भी किया गया। महापौर पद के लिए 2 नामांकन पत्र रद्द कर दिए गए हैं, वहीं नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद के लिए 18 प्रत्याशियों के नामांकन निरस्त किए गए हैं। इसके अलावा, पार्षद पद के लिए 69 नामांकन पत्र भी निरस्त किए गए हैं।

आज, 31 जनवरी नाम वापसी की अंतिम तिथि है, यानी इस दिन तक उम्मीदवार अपने नाम वापस ले सकते हैं। इसके बाद चुनावी मैदान में कौन-कौन से उम्मीदवार बने रहेंगे, यह स्पष्ट हो जाएगा।

यह चुनाव क्षेत्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव लाने की संभावना रखते हैं, जहां प्रत्येक उम्मीदवार अपनी जीत की उम्मीद के साथ जनता से समर्थन प्राप्त करने के लिए सक्रिय हो गए हैं।

2025 के आगामी स्थानीय चुनावों में, मध्यप्रदेश के 49 नगर पालिकाओं और 114 नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद के लिए कुल 765 उम्मीदवार मैदान में हैं। वहीं, पार्षद पद के लिए कुल 10,737 प्रत्याशी चुनावी दंगल में उतरेंगे।

दुर्ग नगर निगम में महापौर पद के लिए केवल दो प्रमुख उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला होगा, जो भाजपा और कांग्रेस के बीच होगा। यह मुकाबला काफी दिलचस्प होने की संभावना है, क्योंकि दोनों प्रमुख पार्टियाँ यहाँ अपने कड़े प्रत्याशी उतार चुकी हैं। इसके अलावा, नारायणपुर और बीजापुर जैसे क्षेत्रों में भी भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा टकराव देखने को मिलेगा। इन क्षेत्रों में दोनों पार्टियाँ अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत लगा रही हैं।

इस चुनावी प्रक्रिया में विभिन्न उम्मीदवारों द्वारा प्रचार-प्रसार की गतिविधियाँ तेज हो चुकी हैं, और पार्टी कार्यकर्ता भी अपनी रणनीतियों को लागू करने के लिए मैदान में उतरे हैं।

2025 के नगरीय निकाय चुनाव के लिए चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। 11 फरवरी को मतदान होगा, और राज्यभर के 173 नगरीय निकायों के लिए लोग अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। चुनावी प्रक्रिया में प्रत्याशियों के नाम वापसी के बाद अंतिम रूप से उम्मीदवारों की सूची सामने आ जाएगी। इस सूची के जारी होते ही, चुनावी मैदान में मुकाबला किसके बीच होगा, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।

15 फरवरी को वोटों की गिनती की जाएगी, जब चुनावी परिणामों का खुलासा होगा। इस समय तक यह स्पष्ट हो जाएगा कि किस पार्टी या उम्मीदवार को जनता ने किस हद तक समर्थन दिया है। नगरीय निकाय चुनावों की अहमियत इस बात में है कि यह स्थानीय स्तर पर शासन और प्रशासन की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन चुनावों के परिणाम से राज्य की राजनीतिक स्थिति भी प्रभावित हो सकती है, इसलिए सभी राजनीतिक दल अपने-अपने उम्मीदवारों की जीत को सुनिश्चित करने के लिए पूरे जोर-शोर से अभियान चला रहे हैं।

अब सभी की नजरें उम्मीदवारों के अंतिम रूप से चयनित होने और फिर चुनावी लड़ाई पर हैं, जिसमें मतदाता किसी भी राजनीतिक पार्टी को जीत दिलाने या हारने में अहम भूमिका निभाएंगे।

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