CG NEWS: चुनाव से पहले, प्रशासनिक और चुनाव आयोग के अधिकारी मतदाता प्रक्रिया को सुचारू और पारदर्शी बनाने के लिए मतदान केंद्रों का गहन निरीक्षण करते हैं। यह निरीक्षण सुनिश्चित करता है कि मतदान केंद्रों पर सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हों, सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम हों, और मतदाता बिना किसी परेशानी के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।
निरीक्षण का उद्देश्य
अधिकारियों द्वारा मतदान केंद्रों का निरीक्षण कई अहम कारणों से किया जाता है:
सुविधाओं की जांच – मतदान केंद्रों पर बिजली, पानी, शौचालय और बैठने की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
सुरक्षा व्यवस्था – पुलिस और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती का जायजा लिया जाता है ताकि मतदान निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से हो सके।
ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की जांच – मतदान में इस्तेमाल होने वाली इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और वीवीपैट (VVPAT) का सही तरीके से काम करना सुनिश्चित किया जाता है।
मतदान प्रक्रिया की समीक्षा – अधिकारियों द्वारा मतदान अधिकारियों और कर्मचारियों को मतदान प्रक्रिया से जुड़े नियमों और प्रक्रियाओं की जानकारी दी जाती है।
संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान – संवेदनशील और अति-संवेदनशील मतदान केंद्रों को चिन्हित किया जाता है और वहां विशेष सुरक्षा इंतज़ाम किए जाते हैं।
कैसे किया जाता है निरीक्षण
- जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, निर्वाचन अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी मतदान केंद्रों का दौरा करते हैं।
- बूथ के अंदर और बाहर की स्थिति का निरीक्षण किया जाता है।
- मतदाता पंक्ति प्रबंधन, रैंप की सुविधा (दिव्यांग मतदाताओं के लिए), और अन्य व्यवस्थाओं को परखा जाता है।
- स्थानीय अधिकारियों को आवश्यक सुधार के निर्देश दिए जाते हैं।
अधिकारियों की अपील
अधिकारियों ने मतदाताओं से अपील की है कि वे बिना किसी भय के मतदान करें और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
चुनाव आयोग की यह कवायद स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने के लिए बेहद जरूरी होती है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि मतदान के दिन कोई गड़बड़ी न हो और हर नागरिक को अपने मताधिकार का उपयोग करने का पूरा अवसर मिले।