CG NEWS: मातृभाषा में परीक्षा देने से छात्रों को मिलेगा लाभ विशेषज्ञों की राय

CG NEWS: शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि छात्र अपनी मातृभाषा में परीक्षा देते हैं, तो उनके लिए विषयों को समझना और उत्तर देना अधिक सहज हो जाता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, जब छात्र अपनी भाषा में पढ़ते और लिखते हैं, तो वे अपनी सोच को बेहतर ढंग से अभिव्यक्त कर सकते हैं और जटिल अवधारणाओं को आसानी से समझ सकते हैं।

शिक्षा में मातृभाषा का महत्व

शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि मातृभाषा में परीक्षा देने से छात्र तनावमुक्त महसूस करते हैं और उनकी तार्किक सोच क्षमता भी बेहतर होती है। इसके अलावा, मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र विषयों को गहराई से समझ पाते हैं और उनकी स्मरण शक्ति भी मजबूत होती है।

शिक्षा नीति में बदलाव की मांग

विशेषज्ञों का सुझाव है कि सरकार और शिक्षा नीति निर्माता इस दिशा में आवश्यक कदम उठाएं, ताकि छात्रों को मातृभाषा में परीक्षा देने का अवसर मिले। कई देशों में मातृभाषा में शिक्षा प्रणाली लागू की गई है, जिससे वहां के छात्रों को बेहतर परिणाम मिल रहे हैं। भारत में भी नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत क्षेत्रीय भाषाओं को प्राथमिकता देने की पहल की गई है।

छात्रों और अभिभावकों की राय

कई छात्रों और अभिभावकों का मानना है कि अंग्रेजी जैसी विदेशी भाषा में परीक्षा देने से कई बार छात्रों को कठिनाई होती है, जिससे उनकी वास्तविक प्रतिभा उभरकर सामने नहीं आ पाती। यदि उन्हें अपनी मातृभाषा में परीक्षा देने का विकल्प मिले, तो वे आत्मविश्वास के साथ बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।

निष्कर्ष

विशेषज्ञों का कहना है कि मातृभाषा में परीक्षा देने का अवसर मिलने से छात्रों का बौद्धिक विकास अधिक प्रभावी होगा। यह कदम शिक्षा प्रणाली को अधिक समावेशी और प्रभावशाली बना सकता है, जिससे हर छात्र को अपनी पूरी क्षमता दिखाने का अवसर मिलेगा।

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