CG NEWS: मतदाताओं को ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की कार्यप्रणाली से अवगत कराना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिससे वे स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान कर सकें। इस प्रक्रिया के तहत चुनाव आयोग या अन्य संबंधित अधिकारी मतदाताओं को ईवीएम के उपयोग, उसकी विशेषताओं और मतदान के दौरान अपनाई जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करते हैं।
ईवीएम की कार्यप्रणाली से अवगत कराने की प्रक्रिया:
मतदाताओं को बताया जाता है कि ईवीएम दो मुख्य इकाइयों – ‘कंट्रोल यूनिट’ और ‘बैलेट यूनिट’ – से मिलकर बनी होती है।
कंट्रोल यूनिट चुनाव अधिकारी के पास रहती है, जबकि बैलेट यूनिट मतदान करने वाले व्यक्ति के पास होती है।
मतदान की प्रक्रिया:
- मतदाता जब मतदान केंद्र पर पहुंचता है, तो उसकी पहचान सत्यापित की जाती है।
- मतदान अधिकारी कंट्रोल यूनिट का बटन दबाकर उसे मतदान की अनुमति देता है।
- इसके बाद मतदाता बैलेट यूनिट पर अपनी पसंद के उम्मीदवार के सामने स्थित बटन दबाकर वोट डालता है।
- बटन दबाने के साथ ही बीप की आवाज आती है, जो इस बात का संकेत होता है कि वोट दर्ज हो गया है।
वीवीपैट (VVPAT) की जानकारी:
- वीवीपैट एक ऐसी मशीन होती है, जो मतदाता को उसकी मतदान पर्ची दिखाती है, जिससे वह पुष्टि कर सकता है कि उसका वोट सही उम्मीदवार को गया है।
- यह पर्ची कुछ सेकंड तक दिखती है और फिर एक सीलबंद बॉक्स में गिर जाती है।
डेमो सेशन और मॉक पोल:
- चुनाव प्रक्रिया से पहले अधिकारियों द्वारा मतदाताओं के लिए प्रदर्शन सत्र (डेमो सेशन) आयोजित किए जाते हैं।
- इसमें मतदाताओं को ईवीएम के बटन दबाने, वीवीपैट से वोट की पुष्टि करने और मतदान प्रक्रिया से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी जाती हैं।
- कई बार मॉक पोल (डमी मतदान) भी करवाया जाता है, जिससे मतदाता ईवीएम की कार्यप्रणाली को अच्छी तरह समझ सकें।
भ्रम और आशंकाओं का समाधान:
- कई बार मतदाताओं को ईवीएम को लेकर संदेह या गलतफहमियां हो सकती हैं। इसीलिए उन्हें पूरी पारदर्शिता के साथ मशीन के संचालन और सुरक्षा उपायों की जानकारी दी जाती है।
- अधिकारियों द्वारा बताया जाता है कि ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित और हैक-प्रूफ होती हैं।
ईवीएम जागरूकता अभियान का उद्देश्य:
- मतदाताओं को ईवीएम के सही उपयोग की जानकारी देना।
- मतदान प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और सुगम बनाना।
- चुनावी प्रक्रिया में विश्वास बढ़ाना।
- मतदान प्रतिशत को बढ़ावा देना।
इस तरह, मतदाताओं को ईवीएम की कार्यप्रणाली से अवगत कराकर चुनाव प्रक्रिया को अधिक सुगम और पारदर्शी बनाया जाता है, जिससे वे अपने मताधिकार का सही उपयोग कर सकें।