CG NEWS : सरिया क्षेत्र में स्थित जगन्नाथ मंदिर, जो 100 साल से अधिक पुराना है, एक ऐतिहासिक धरोहर के रूप में अपनी पहचान बनाता है। इस मंदिर की मरम्मत इन दिनों अच्छी तरह से की जा रही है, जिससे इसका ऐतिहासिक महत्व और भी बढ़ गया है। चित्रोत्पला महानदी के किनारे स्थित सरिया क्षेत्र में देवी-देवताओं की महिमा से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं, जिनका उल्लेख हमारे प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है।
आज भी इस अंचल में कई सदियों पुराने मंदिरों का अस्तित्व है, जो न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक हैं, बल्कि इतिहास और संस्कृति के अनुसंधान के लिए भी महत्वपूर्ण स्थल हैं। सरिया के जगन्नाथ मंदिर की गहरी धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर, शोधकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण विषय बन सकती है।
यहां महाप्रभु जगन्नाथ भगवान, भगवान विष्णु और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित और पूजित हैं। जनश्रुति के अनुसार, इस नगर का जगन्नाथ मंदिर ग्राम गौटिया खतू गौटिया द्वारा निर्मित किया गया था, और यहां स्थापित भगवान विष्णु की प्रतिमा ग्राम पुजेरापाली के पुरातात्विक स्थल से प्राप्त हुई थी, जो शोधार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण शोध का विषय बन सकता है। यह विष्णु प्रतिमा पत्थर की बनी है, और श्रद्धालु इसको शुद्ध घी से स्नान कराते हैं।
मगर घी का कहां समाहित हो जाना, इसका रहस्य अभी तक अनसुलझा है। इसके साथ ही, इस प्रतिमा का तापमान गर्मी के दिनों में भी अत्यधिक शीतल रहता है, जिससे लोग आश्चर्यचकित होते हैं। इस कारण इसे शोध का विषय माना जाता है। मंदिर लगभग 100 साल पुराना होने के कारण जर्जर हो गया है, और इसकी मरम्मत की आवश्यकता पड़ी है। इस कार्य में नगरवासी और श्रद्धालु जन सहयोग से मंदिर का जीर्णोद्धार जारी है।
यहां एक हिंदी में मानव लेखक का विवरण दिया गया है:
आर्थिक तंगी का सामना करते हुए, मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों से अपील की है कि वे मंदिर के पूर्णतया रख-रखाव और संरक्षण में सहयोग प्रदान करें। यह कदम ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की इस सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। समिति का मानना है कि इस प्रयास से न केवल धार्मिक स्थल का संरक्षण होगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अमूल्य धरोहर भी बची रहेगी।
यह अपील लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से की गई है, ताकि मंदिर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मान्यता को संरक्षित किया जा सके।