CG NEWS : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के महान संत बाबा गुरू घासीदास जी की जयंती पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि बाबा गुरू घासीदास जी ने अपने जीवन और उपदेशों के माध्यम से समाज को सत्य, अहिंसा और सामाजिक सद्भावना का मार्ग दिखाया। उनका जीवन और विचारधारा आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत हैं और उनके द्वारा दिए गए संदेश हमें एकजुटता, समानता और मानवता की ओर प्रेरित करते हैं।
बाबा गुरू घासीदास जी का योगदान केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि समस्त भारत के समाज और संस्कृति में अत्यधिक महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने ‘मनखे-मनखे एक समान’ का संदेश दिया, जो जाति, धर्म, रंग और पंथ से ऊपर उठकर समानता का प्रतीक है। यह विचार न केवल उस समय की सामाजिक संरचना के लिए आवश्यक था, बल्कि आज भी यह अत्यधिक प्रासंगिक है। उन्होंने यह सिद्धांत प्रस्तुत किया कि समाज में किसी भी व्यक्ति को उसकी जाति, सम्पत्ति या सामाजिक स्थिति के आधार पर न तो नीचा समझना चाहिए और न ही भेदभाव करना चाहिए।
बाबा गुरू घासीदास जी ने अपनी उपदेशों के माध्यम से हर व्यक्ति को आत्मगौरव, आत्मनिर्भरता और समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करने की प्रेरणा दी। उन्होंने मानवता के मूल्यों को अपने जीवन में उतारा और समाज में नैतिकता तथा धार्मिक सद्भावना की आवश्यकता पर बल दिया। उनके विचारों का प्रभाव आज भी सामाजिक और धार्मिक आंदोलनों में देखा जाता है। गुरू घासीदास जी ने छत्तीसगढ़ में सामाजिक और आध्यात्मिक जागरण की नींव रखी, जिससे प्रदेश में सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आगे कहा कि बाबा जी ने हमें यह सिखाया कि समाज में हर व्यक्ति का सम्मान किया जाना चाहिए और हमें अपने कार्यों में सत्यनिष्ठा और परिश्रम से काम करना चाहिए। उनका जीवन और उपदेश समाज में व्याप्त कुरीतियों और अंधविश्वासों के खिलाफ एक मजबूत आवाज था। वे अपने उपदेशों के माध्यम से समाज के प्रत्येक वर्ग को जागरूक करते थे और जीवन के मूल्यों की ओर अग्रसर होने के लिए प्रेरित करते थे।
आज भी बाबा गुरू घासीदास जी के दर्शन और विचार लोगों के दिलों में जीवित हैं। उनका योगदान केवल धार्मिक क्षेत्र तक सीमित नहीं था, बल्कि सामाजिक समरसता और भाईचारे की भावना को प्रोत्साहित करने में भी उनका महत्वपूर्ण स्थान है। उनके विचारों ने समाज के हर वर्ग के लोगों को यह समझने में मदद की कि असमानता और भेदभाव से मुक्त समाज ही समृद्ध और खुशहाल समाज हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बाबा गुरू घासीदास जी के जीवन और उनके उपदेशों से हम सभी को यह सिखने को मिलता है कि यदि हम सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलें, तो न केवल समाज में परिवर्तन ला सकते हैं, बल्कि विश्व में शांति और सद्भावना की स्थापना में भी योगदान दे सकते हैं। उनका जीवन हमें यह याद दिलाता है कि हर व्यक्ति को समान अधिकार और अवसर मिलना चाहिए, और हमें अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए समाज की भलाई के लिए काम करना चाहिए।
बाबा गुरू घासीदास जी के विचारों को आत्मसात करते हुए, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाकर समाज में एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ाएं। इस तरह हम बाबा जी के दिखाए मार्ग पर चलकर अपने समाज को और बेहतर बना सकते हैं।