CG NEWS: गरियाबंद में 4.83 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार

CG NEWS: 19 दिसंबर 2024 को प्रार्थी संतोष देवागन ने गरियाबंद जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को एक लिखित आवेदन पेश किया, जिसमें उन्होंने एक धोखाधड़ी का गंभीर आरोप लगाया। इस आवेदन में उन्होंने बताया कि राजाराम तारक, शरदचन्द्र शर्मा, कमलेश साहू, यशवंत नाग और अरुण द्विवेदी नामक व्यक्तियों ने उन्हें और अन्य व्यक्तियों को ट्रेड एक्सपो कंपनी के जरिए अधिक लाभांश मिलने का लालच देकर लगभग 4,83,30,000 रुपये जमा कराए। लेकिन इन व्यक्तियों ने रूपये वापस नहीं किए और छलपूर्वक बेईमानी करते हुए धोखाधड़ी की।

इस शिकायत के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी को निर्देशित किया गया कि वे आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें। इसके परिणामस्वरूप थाना प्रभारी राजिम ने अपराध धारा 420 और 34 भा.द.वि. के तहत आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की और मामले की विवेचना शुरू की।

विवेचना के दौरान प्रार्थी और अन्य गवाहों के बयान दर्ज किए गए, जिनमें यह खुलासा हुआ कि आरोपियों ने ट्रेड एक्सपो कंपनी में अधिक लाभांश मिलने का वादा किया था और इसके चलते उन्होंने लोगों को अपना पैसा निवेश करने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद, आरोपियों के बैंक खातों की जांच की गई और उनसे विस्तृत पूछताछ की गई। इस पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने अन्य लोगों से पैसा जुटाया था और धोखाधड़ी करने का इरादा रखा था।

मामले में अब तक प्राप्त सबूतों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, विश्वासघात और आपराधिक विश्वासघात के आरोप लगाए गए हैं। आरोपियों के खिलाफ धारा 409 भा.द.वि. भी जोड़ी गई, जो कि आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी से संबंधित है। इसके बाद, आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में शरदचन्द्र शर्मा (उम्र 50 वर्ष), यशवत कुमार नाग (उम्र 45 वर्ष), और कमलेश साहू (उम्र 34 वर्ष) शामिल हैं। शरदचन्द्र शर्मा अमलेश्वर, दुर्ग जिले का निवासी है, यशवत कुमार नाग राजिम, गरियाबंद का निवासी है, और कमलेश साहू मुंगेली जिले का निवासी है। इन तीनों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

इस मामले में एक अन्य सहयोगी आरोपी फरार है, जिसकी जल्द गिरफ्तारी की उम्मीद जताई गई है। अधिकारियों ने मामले की जांच में साइबर सेल की विशेष सहायता को भी महत्वपूर्ण बताया है। थाना प्रभारी राजिम, निरीक्षक अमृत साहू और उनकी टीम ने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

यह मामला एक गंभीर धोखाधड़ी का है, जिसमें आरोपियों ने ट्रेड एक्सपो कंपनी में अधिक लाभांश के लालच में लोगों से बड़ी रकम जुटाई और उनका पैसा वापस नहीं किया। इस घटना ने यह सिद्ध किया कि ऐसे धोखाधड़ी के मामलों में जांच और कार्रवाई की कितनी अहमियत है, ताकि अपराधियों को सजा मिल सके और आम जनता का विश्वास कायम रहे।

यह प्रकरण एक उदाहरण है, जो दिखाता है कि जब बड़े वित्तीय जालसाजी के मामले सामने आते हैं, तो पुलिस और संबंधित अधिकारी तत्काल कार्रवाई करते हैं, और न्याय व्यवस्था के तहत दोषियों को दंडित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाते हैं।

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