CG NEWS : बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर शहर में श्रीराधा रमण भागवत समिति द्वारा 23 से 30 दिसंबर तक आयोजित होने वाली श्रीमद भागवत कथा की शुरुआत रविवार को एक भव्य कलश शोभायात्रा के साथ हुई। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य शहरवासियों और आसपास के गांवों के लोगों को श्रीमद भागवत कथा के प्रति आकर्षित करना था। कलश शोभायात्रा का आयोजन टाऊन क्लब मैदान से किया गया, और इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। यह शोभायात्रा एक तरह से धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव का प्रतीक बनी, जिसमें बड़े धूमधाम से भक्तों ने अपने धार्मिक उल्लास और श्रद्धा का प्रदर्शन किया।
कलश शोभायात्रा की शुरुआत टाऊन क्लब मैदान से हुई और इसमें शहर तथा आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। यह यात्रा पूरी तरह से आकर्षक और उल्लास से भरपूर थी, जिसमें महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और युवक सभी बड़ी श्रद्धा के साथ भाग ले रहे थे। यात्रा में विभिन्न धार्मिक प्रतीकों और देवी-देवताओं की आकर्षक झांकियां प्रदर्शित की गईं। विशेष रूप से राधा कृष्ण की झांकी और महारानी अहिल्याबाई होलकर की झांकी ने श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित किया। इन झांकियों में भगवान के दिव्य रूप और उनके जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया गया था। यह दृश्य न केवल धार्मिक रूप से प्रेरणादायक था, बल्कि एक सांस्कृतिक समृद्धि का भी प्रतीक था।
कलश यात्रा में न केवल बड़े लोग, बल्कि छोटे बच्चे भी उत्साह से शामिल हुए थे। वे हाथों में जल से भरे हुए कलश लेकर यात्रा में शामिल होते थे, जो कि धार्मिक आस्था और परंपरा का प्रतीक था। इस यात्रा का हर कदम एक नई ऊर्जा और उल्लास से भरा हुआ था। श्रद्धालुओं का जोश और भक्ति भावना पूरे शहर में फैल गई थी। बम पटाखे, ढोल-नगाड़े, और बजी बाजे की ध्वनि से वातावरण भक्तिमय हो गया था। लोग नाचते-गाते हुए यात्रा में शामिल हो रहे थे और वातावरण को और भी रंगीन बना रहे थे।
कलश शोभायात्रा के दौरान यात्रा का मार्ग नगर के प्रमुख चौक, चौराहों से होते हुए दंतेश्वरी मंदिर के प्रांगण तक पहुंचा। श्रद्धालुओं ने यात्रा के दौरान अपने-अपने घरों से श्रद्धा और भक्ति के साथ आशीर्वाद की कामना की। पूरे शहर की सड़कों पर भक्तिमय दृश्य था, जहाँ हर तरफ धार्मिक उल्लास का माहौल था। यह यात्रा न केवल धार्मिक उद्देश्य को पूरा कर रही थी, बल्कि लोगों को एकजुट करने और सामूहिक भावना को मजबूत करने का काम भी कर रही थी।
भागवत कथा के पहले दिन भगवान महात्म्य पर चर्चा की गई। कथा व्यास वैदही दासी विनी किशोरी ने भगवान के अद्भुत गुणों और उनके महात्म्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि श्रीमद भागवत कथा जीवन को सही दिशा देने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। कथा के माध्यम से भक्तों को भगवान के जीवन और उनकी शिक्षाओं के बारे में विस्तार से बताया गया। इस कथा में भाग लेकर श्रद्धालुओं को आंतरिक शांति और सद्गति प्राप्त होने की संभावना जताई गई।
इस प्रकार, श्रीमद भागवत कथा की शुरुआत में ही यह आयोजन जगदलपुर शहर में एक धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में उभरा, जो न केवल धार्मिक आस्था को बढ़ावा दे रहा था, बल्कि लोगों को एकजुट करने और समाज में भाईचारे की भावना को मजबूत करने का कार्य भी कर रहा था। यह आयोजन आगामी दिनों में और भी ज्यादा श्रद्धा और उल्लास के साथ आगे बढ़ेगा, और लोगों को अपने जीवन में धर्म और संस्कारों को महत्व देने की प्रेरणा देगा।