CG NEWS: कवासी लखमा के बेटे समेत कई नेताओं के घर ED का छापा, नगरीय निकाय चुनाव से पहले बड़ी कार्रवाई

CG NEWS: सुकमा जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसमें पूर्व मंत्री कवासी लखमा के बेटे और जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापा मारा है। यह छापेमारी नगरीय निकाय चुनाव से ठीक पहले हुई है, जो कि अपने आप में कई सवाल उठाती है और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है। इस छापेमारी की जानकारी जैसे ही सामने आई, प्रशासन और स्थानीय नागरिकों में हड़कंप मच गया।

सूत्रों के अनुसार, ED की टीम ने कवासी लखमा के बेटे हरीश कवासी के घर पर दबिश दी। हरीश कवासी वर्तमान में सुकमा जिले के जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर काबिज हैं। इसके अलावा, नगर पालिका अध्यक्ष जगन्नाथ राजू साहू के घर भी ED की छापेमारी जारी है। ये दोनों बड़े राजनीतिक नेता जिले में महत्वपूर्ण पदों पर हैं और उनकी भूमिका को लेकर कई बार सवाल उठते रहे हैं।

ED की यह कार्रवाई चुनाव से ठीक पहले होने के कारण इसे राजनीतिक दृष्टि से देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई है जब नगर निगम चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा हो रही है और इसके असर चुनावी नतीजों पर भी पड़ सकते हैं। इस छापेमारी को लेकर स्थानीय स्तर पर चर्चा गर्म है, क्योंकि यह कार्रवाई सुकमा जिले के एक प्रमुख राजनीतिक परिवार पर की गई है, जो कई वर्षों से सत्ता के गलियारों में अपनी पकड़ बनाए हुए है।

ED की टीम ने छापेमारी के दौरान हरीश कवासी और जगन्नाथ राजू साहू के घर से संबंधित दस्तावेजों और अन्य महत्वपूर्ण सामग्री को जब्त किया है। हालांकि, छापेमारी के कारण और दस्तावेजों के बारे में अभी तक आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि ED टीम ने कुछ संदिग्ध वित्तीय लेन-देन के कारण यह कार्रवाई की है, हालांकि इस संबंध में जांच अभी जारी है।

इस छापेमारी का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें ED की टीम को हरीश कवासी के घर में प्रवेश करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में ED के अधिकारियों को दस्तावेजों की जांच करते हुए देखा जा सकता है। छापेमारी के बाद सुकमा जिले में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है और इसे लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कार्रवाई चुनाव से पहले हुई है ताकि यह संकेत दिया जा सके कि सरकार किसी भी भ्रष्टाचार को सहन नहीं करेगी और सभी उम्मीदवारों को यह संदेश दिया जा सके कि अगर वे कानून का उल्लंघन करेंगे तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

हालांकि, विपक्षी दलों का कहना है कि यह कार्रवाई चुनावी लाभ के लिए की जा रही है और यह पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। वे इसे सत्ताधारी पार्टी की एक चाल मान रहे हैं, जिसका उद्देश्य चुनावी रणनीति के तहत विरोधी दलों को दबाव में लाना है।

इस बीच, ED की छापेमारी के बाद सुकमा जिले में कई सवाल उठ रहे हैं, और लोग यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि इसके पीछे की असल वजह क्या है। इस समय प्रशासन और राजनीतिक हलकों में इस मामले को लेकर चर्चा तेज हो गई है। अब सभी की निगाहें आगे की जांच और ED की कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।

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