CG NEWS:  संस्कृति का उत्सव, रावत नाच महोत्सव में यदुवंशियों का अनोखा प्रदर्शन

CG NEWS:  पामगढ़ – नगर में 18 साल बाद रौताही बाजार एवं रावत नाच महोत्सव सोमवार को मिनी स्टेडियम परिसर में बड़े धूमधाम से शुरू हुआ। इस आयोजन में देर रात तक यदुवंशी तुलसी, कबीर और सूरदास के दोहों पर लोग नृत्य करते रहे। महोत्सव में छोटे बच्चे भी आकर्षक पारंपरिक वेशभूषा में सजे-धजे दिखाई दिए, और भगवानी श्री कृष्ण की तस्वीरों के साथ लोग नृत्य करते हुए आनंदित दिखे। इस अवसर पर मेला भी आयोजित किया गया, जिसमें नगरवासियों में पहली बार मेला लगने की खुशी और उत्साह साफ नजर आया।

रावत नाच महोत्सव में सोमवार को नर्तक दल ने सभी को अपनी ओर आकर्षित किया। जैसे ही वे जिस जगह से गुजरते, वहां मौजूद लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लेते थे। सोमवार को हर एक राउत के सिर पर पागा, जिसमें मोर पंख की कलगी और फूलों का गजरा लगा था।

उनके चेहरे पर वृंदावन की मिट्टी का श्रृंगार था, आंखों में काजल, दोनों गालों और ठोढ़ी पर काली बिंदिया, माथे पर चंदन का टीका, बदन में सलूखा और बास्किट, सीने में कौड़ियों की पेटी, दोनों बांहों में बंहकर, कमर में जलाजल और पैरों में चोलना था। एक हाथ में तेंदू की लाठी और दूसरे हाथ में फरी, साथ ही दोनों पैरों में घुंघरू थे, जिससे रुनझुन का संगीत हर किसी को आकर्षित कर रहा था। लोग उनकी फोटो खींच रहे थे और सेल्फी ले रहे थे।

उनके नृत्य को देखने के लिए नगर के स्टेडियम खेल मैदान में सैकड़ों लोग खड़े थे। यह अवसर था नगर में पहले रावत नाच महोत्सव का, जिसका आयोजन व्यापारी संघ पामगढ़ ने यादव समाज के सहयोग से किया था। शाम 5 बजे से ही नर्तक दल गड़वा बाजा और परी के साथ पहुंचने लगे थे। अतिथियों के इंतजार में पहले दल ने रात 8 बजे अपनी प्रस्तुति शुरू की। स्टेडियम में दर्शक बड़ी संख्या में उपस्थित थे और नर्तक दल सूर, तुलसी, कबीर जैसे संत कवियों के दोहों पर नृत्य कर रहे थे।

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