CG NEWS: ट्रेड एक्सपो यूएसए कंपनी के नाम पर धोखाधड़ी, गरियाबंद पुलिस ने आरोपी को पकड़ा

CG NEWS: गरियाबंद जिले के राजिम थाना में दिनांक 19 दिसंबर 2024 को प्रार्थी संतोष देवांगन द्वारा एक लिखित आवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसमें आरोप लगाया गया कि राजाराम तारक, शरदचंद्र वर्मा, कमलेश साहू, यशवंत नाग और अरुण द्विवेदी ने मिलकर “ट्रेड एक्सपो यूएसए” नामक कंपनी में अधिक लाभांश देने का लालच देकर उनसे रूपए की धोखाधड़ी की और गबन किया। इस आवेदन के आधार पर थाना राजिम में अपराध क्रमांक 408/2024 धारा 420, 34 भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया और जांच शुरू की गई।

जांच के दौरान यह भी पता चला कि ट्रेड एक्सपो यूएसए कंपनी के मुख्य आरोपी अरुण द्विवेदी के खिलाफ झारखंड राज्य के सीआईडी द्वारा भी जांच की जा रही थी, जहां उसने 11 लोगों से करीब 4,66,99,820 रूपये की धोखाधड़ी की थी। छत्तीसगढ़ और झारखंड के लोगों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अब तक 94 लोगों से छत्तीसगढ़ में 5,53,73,000 रूपये और झारखंड के 11 लोगों से 4,66,99,820 रूपये की धोखाधड़ी हुई थी, जिससे कुल 10,20,72,820 रूपये (दस करोड़ बीस लाख बहत्तर हजार आठ सौ बीस) की धोखाधड़ी और गबन का मामला सामने आया। इसके बाद आईपीसी की धारा 409 भी इस मामले में जोड़ी गई।

जांच के दौरान प्रार्थी और अन्य गवाहों के बयान दर्ज किए गए और आरोपियों के बैंक खातों की जांच की जा रही है। आरोपियों के खिलाफ विस्तृत पूछताछ की जा रही है, ताकि सभी तथ्यों को स्पष्ट किया जा सके।

यह मामला एक धोखाधड़ी का है, जिसमें आम जनता को यह विश्वास दिलाया गया था कि उनका निवेश बहुत जल्द दुगना हो जाएगा। आरोपीगण ने फर्जी निवेश प्लेटफार्म पर अकाउंट बनाकर लोगों को आकर्षित किया और हर दिन ब्याज दिखाकर उनका विश्वास जीतने का प्रयास किया। हालांकि, जब निवेशक अपना पैसा निकालने का प्रयास करते थे, तो उन्हें न तो अपनी मूल राशि वापस मिलती थी और न ही ब्याज। इस प्रकार से निवेशकों को धोखा दिया गया और यह धोखाधड़ी उजागर हुई।

फर्जी प्लेटफार्म में किए गए निवेश को डॉलर ट्रेडिंग के रूप में प्रस्तुत किया गया था, जो कि फर्जी बैंक अकाउंट्स से लिंक किए गए थे।

प्रारंभिक जांच के बाद तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। शरदचंद्र शर्मा (50 वर्ष), यशवंत कुमार नाग (45 वर्ष), और कमलेश साहू (34 वर्ष) को 20 दिसंबर 2024 को गिरफ्तार किया गया। इन आरोपियों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की और यह बताया कि वे अरुण द्विवेदी और अन्य आरोपियों के साथ मिलकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे थे। तीनों आरोपियों को बाद में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

मुख्य आरोपी अरुण द्विवेदी फरार था, लेकिन 23 दिसंबर 2024 को उसे मध्य प्रदेश के रीवा से गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में अब तक चार आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, और अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है।

इस मामले में थाना प्रभारी राजिम निरीक्षक अमृत साहू, थाना प्रभारी पाण्डुका उप निरीक्षक जयप्रकाश नेताम और साइबर सेल की विशेष भूमिका रही, जिन्होंने इस मामले की त्वरित और प्रभावी जांच की।

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