CG VIDHANSABHA: विधानसभा में आज विपक्ष ने प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर स्थगन प्रस्ताव लाया। इस दौरान, विपक्ष ने कांग्रेस विधायक उत्तरी जांगड़े पर दर्ज एफ आई आर का मुद्दा उठाया, जिस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने आपत्ति जताई। इससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई और विपक्ष के सदस्य खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। सत्ता पक्ष की ओर से भी जवाबी नारेबाजी शुरू हो गई, जिससे सदन में हंगामा मच गया। इस निरंतर हंगामे को देखते हुए, विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया।
इस बीच, शून्यकाल के दौरान, पूर्व मुख्यमंत्री श्री सीएम साई ने स्थगन प्रस्ताव पर अपनी टिप्पणी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराधों की स्थिति बेहद गंभीर हो चुकी है। लगातार चोरी, लूट, हत्या, बलात्कार और अपहरण जैसी घटनाएं हो रही हैं, जो कानून व्यवस्था की लचर स्थिति को दर्शाती हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस इन अपराधों को रोकने में नाकाम साबित हो रही है। उनके अनुसार, प्रदेश में अपराधी बेखौफ हो चुके हैं और सरकार इन समस्याओं का समाधान करने में पूरी तरह असफल रही है।
विपक्ष के सदस्य उमेश पटेल ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हाल के दिनों में सारंगढ़ विधायक पर केवल भाषण देने के कारण एफ आई आर दर्ज कर लिया गया। इस पर भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने विरोध जताया और कहा कि यह एफ आई आर राजनीति से प्रेरित है। इसके बाद दोनों पक्षों के सदस्य एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे, जिससे सदन में तनाव बढ़ गया। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच का यह विवाद और नारेबाजी दोनों ही पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति उत्पन्न कर रही थी।
सदन की कार्यवाही के दौरान, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने दोनों पक्षों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला। उन्होंने बार-बार सदस्यों से शांतिपूर्वक चर्चा करने की अपील की, लेकिन विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच का यह संघर्ष जारी रहा। अंततः, अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया, ताकि माहौल शांत हो सके और फिर से सामान्य तरीके से चर्चा की जा सके।
प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति और बढ़ते अपराधों पर इस हंगामे से यह स्पष्ट हो गया कि सरकार और विपक्ष दोनों के बीच इस मुद्दे को लेकर गंभीर मतभेद हैं। विपक्ष जहां प्रदेश में अपराधों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताते हुए सरकार से जवाब मांग रहा है, वहीं सत्ता पक्ष इसे राजनीति से प्रेरित आरोप मान रहा है। यह मामला विधानसभा में लंबे समय तक चर्चा का विषय बना रहेगा, और इसकी सुलझान के लिए आगे की कार्रवाई की आवश्यकता होगी।
इस घटना ने प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ लिया है और यह देखना होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और विपक्ष इसके खिलाफ किस तरह से अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करता है।