Chhattisgarh : अमित शाह ने बस्तर ओलंपिक-2024 को सराहा, कहा- आदिवासी गौरव और विकास का प्रतीक है यह आयोजन

Chhattisgarh : केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज बस्तर जिले के जगदलपुर में आयोजित बस्तर ओलंपिक-2024 के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर इसे ऐतिहासिक आयोजन करार दिया। उन्होंने कहा कि बस्तर ओलंपिक आने वाले समय में बस्तर के विकास की प्रेरक गाथा बनेगा और यह शांति, सुरक्षा, विकास और नई उम्मीदों की नींव रखेगा। अमित शाह ने यह भी घोषणा की कि केंद्र सरकार बस्तर से नक्सलवाद को 31 मार्च 2026 तक पूरी तरह समाप्त कर देगी, ताकि क्षेत्र में विकास की राह खोली जा सके।

अमित शाह ने बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता का जिक्र करते हुए कहा कि मां दंतेश्वरी की कृपा से बस्तर को अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य मिला है, और इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, उन्होंने छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए योजनाओं की घोषणा की, ताकि रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकें। बस्तर के युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हार मानने वाला कभी नहीं जीतता, बल्कि वही जीतता है जो कभी हार नहीं मानता।

अंत में, उन्होंने बस्तर के युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि उनके भीतर अनगिनत संभावनाएं हैं और उनमें से कोई अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक में गोल्ड मेडल लेकर भारत का नाम रोशन करेगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नक्सलवाद के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ दो मोर्चों पर काम किया है। एक ओर, जिन नक्सलियों ने सरेंडर नहीं किया और जो हिंसा में लिप्त थे, उनके खिलाफ सुरक्षा बलों को सक्रिय किया और उन्हें मार गिराया।

वहीं, जो नक्सलियों ने सरेंडर किया, उनके पुनर्वास और बसाने की प्रक्रिया पर भी ध्यान दिया गया। इसके अलावा, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देने का भी अभियान चलाया गया, ताकि वहां के लोग मुख्यधारा से जुड़ सकें। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों के आशीर्वाद से राज्य में डबल इंजन की सरकार बनी और नक्सलवाद के खिलाफ अभियान तेज हुआ, जिससे नक्सल उन्मूलन में लगातार सफलता मिल रही है।

मुख्यमंत्री ने बस्तरवासियों का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने बस्तर ओलंपिक में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस आयोजन में 1 लाख 65 हजार से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जो एक ऐतिहासिक सफलता थी। मुख्यमंत्री ने इस आयोजन के प्रबंधन में जुटी बस्तर संभाग की टीम की भी सराहना की, जिन्होंने इस बड़ी चुनौती को सफलतापूर्वक पूरा किया।

मुख्यमंत्री साय ने बस्तर ओलंपिक के उद्घाटन पर गर्व महसूस करते हुए कहा कि इस आयोजन ने बस्तर के युवाओं की ऊर्जा को खेल के माध्यम से एक सकारात्मक दिशा दी है। बस्तर ओलंपिक सिर्फ खेल नहीं, बल्कि बस्तर की संस्कृति, उत्साह और प्रतिभा का उत्सव है।

इसका मुख्य उद्देश्य बस्तर की असली पहचान, जो उसकी सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सुंदरता से जुड़ी है, को दुनिया के सामने लाना है। मुख्यमंत्री ने बताया कि बस्तर ओलंपिक ने युवाओं को प्रशासन के साथ जोड़कर विकास के कार्यों में शामिल होने की प्रेरणा दी है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि बस्तर के युवा अगर सही दिशा में प्रेरित हों तो कोई भी शक्ति विकास और खुशहाली के रास्ते को नहीं रोक सकती।

मुख्यमंत्री ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की प्रतिभा की भी सराहना की, जो माओवादी हिंसा को छोड़कर मुख्यधारा में लौटे। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद का समाधान केवल पुलिस कार्रवाई से नहीं, बल्कि शिक्षा, खेल, रोजगार और सकारात्मक अवसर प्रदान करने से होगा, और बस्तर ओलंपिक इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि बस्तर में माओवाद की जड़ें कमजोर हो रही हैं, और इसका श्रेय सुरक्षा बलों की बहादुरी और लोगों के लोकतांत्रिक विश्वास को जाता है। बस्तर के विकास में अब बस्तर ओलंपिक, उद्योग, और पर्यटन जैसे क्षेत्र अहम भूमिका निभा रहे हैं, जो युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करेंगे।

Leave a Comment